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नई दिल्ली: चीन (China) का विस्तारवादी दंश झेल रहे ताइवान (Taiwan) के लोग आज (रविवार को) अपने देश का 110वां राष्ट्रीय दिवस (110th National Day Of Taiwan) मना रहे हैं. ताइवान बीते कई साल से चीन की विस्तारवादी नीति और कब्जे की मार झेल रहा है.
चीन की विस्तारवादी नीति (China Expansionist Policy) के खिलाफ आज ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा (Tajinder Pal Singh Bagga) ने दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम स्थित चीनी वीजा सेंटर के बाहर ताइवान को उसके राष्ट्रीय दिवस पर बधाई देने वाले पोस्टर लगवाए. ताइवान को बधाई देने वाले ये पोस्टर चीनी वीजा सेंटर के अलावा केंद्रीय दिल्ली में कई और जगहों पर लगाए गए हैं.
बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के मुताबिक, ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर दिल्ली में चीनी वीजा सेंटर समेत कई अन्य जगहों पर उन्होंने पोस्टर चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ लगवाए हैं. विस्तारवाद की धुन में अंधा चीन भारत की भूमि पर भी अपनी गंदी नजर टिकाए हुए है, जिसमें वो हरगिज सफल नहीं होगा.
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उन्होंने आगे कहा कि जैसे महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का आह्वान किया था, उसी तरह आज वो भी महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने ताइवान के राष्ट्रीय दिवस का पोस्टर लगाकर चीन ताइवान छोड़ो का सैद्धांतिक नारा दे रहें हैं.
जान लें कि आज ही के दिन 10 अक्टूबर 1911 को चीन में चल रहे 2132 साल के साम्राज्यवाद खत्म करने के लिए डॉक्टर सन यात सेन के नेतृत्व में उस समय के मानचू शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति की शुरुआत हुई थी. जिसका मुख्य उद्देश्य चीन का शासन राजा-महाराजाओं के हाथ से छीनकर चीन के लोगों के हाथों में देना था. इसी क्रांति के परिणामस्वरूप 1 जनवरी 1912 को चीन में मानचू शासन का 276 साल के बाद अंत हुआ था और रिपब्लिक ऑफ चाइना अस्तित्व में आया था.
ताइवान आज चीन की विस्तारवाद की नीति का शिकार है लेकिन फिर भी वो खुद को आधिकारिक रूप से चीन गणराज्य (Republic of China) कहता है और हर साल 10 अक्टूबर को ही अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है.
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बताते चलें कि ताइवान के राष्ट्रीय दिवस से पहले कल शनिवार को साम्राज्यवाद के अंत पर एक कार्यक्रम के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान पर चीन के पूर्ण कब्जे का संकल्प ले कर कहा था कि ताइवान को चीन में मिलाना उनके प्रमुख उद्देश्यों में से एक है जिसके लिए उनकी सरकार लगातार रणनीति बना रही है.
चीन की ये विस्तारवादी नीति सिर्फ ताइवान पर ही सीमित नहीं है बल्कि चीन की गंदी आंखें भारत पर भी टिकी हुई हैं. पिछले 1 साल से भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. सैटेलाइट तस्वीरों में भी कई बार सामने आया है कि चीन सरहद के उस पार अपनी जमीन पर भारत के खिलाफ अपनी सैन्य शक्ति और हथियारों की तैनाती को कई गुना बढ़ा रहा है.
बता दें कि आज सीमा विवाद पर भारत और चीन की सेना के कमांडर 13वें दौर की वार्ता भी करेंगे जिसमें भारत चीन के साथ सीमा विवाद पर आगे के मसलों को बातचीत के सहारे सुलझाने की कोशिश करेगा.
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