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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में सुरक्षा बलों का ऑपरेशन ऑल आउट लगातार जारी है. सेना, सुरक्षाबलों और पुलिस ने मिलकर आतंकियों की कमर तोड़ दी है. एजेंसियों की सख्ती के चलते पाकिस्तान (Pakistan) से आतंकी घुसपैठ कम हुई तो सीमा पार बैठे आतंकी आकाओं ने ड्रोन (Drone) के जरिए जासूसी और अपने गुर्गों तक हथियार पहुंचाने का इंतजाम किया. कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में अमल बहाली की कोशिशों के बीच सूबे की टेरर मैपिंग रिपोर्ट (Terror Mapping) सामने आई है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक जे एंड के (J&K) में इस साल 2021 में जनवरी से लेकर जून तक कुल 57 नए आतंकी भर्ती हुए. युवाओं के आतंक की राह पर चलने वाली दर की बात करें तो कुल भर्ती में करीब 82% आतंंकवादी दक्षिण कश्मीर (South Kashmir) के जिलों और गांवों से भर्ती हुए. रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा आतंकी लश्कर ए तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिद्दीन (HM) में भर्ती हुए.
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उत्तर कश्मीर (North Kashmir) की बात करें तो बारामुला (Baramulla) जिले से कुल 4 युवाओं ने आतंक की दुनिया में कदम बढ़ाया. जो कुल आतंकी भर्ती का 7% हिस्सा रहा. वहीं बांदीपोरा (Bandipora) जिले से एक युवक आतंकी संगठन में भर्ती हुआ.
दक्षिण कश्मीर के चार जिलों पुलवामा (Pulwama), शोपिया (Shopia), कुलगाम (Kulgam) और अनंतनाग (Anantnag) से कुल 47 लोग टेरर कैंप में भर्ती होकर पाकिस्तानी साजिश में शामिल हुए. इसमें पुलवामा के कुल 21, शोपिया से 16, कुलगाम के 6 और अनंतनाग के 4 युवा शामिल रहे.
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लश्कर ए तैयबा में 28 आतंकी भर्ती हुए और ये तादाद कुल नए आतंकियों का 49% रही. इसी तरह हिजबुल (Hijbul Mujahedeen) में कुल 13 आतंकी भर्ती हुए. वहीं अल बद्र (Al Badar) में 11 आतंकी यानी 19% और जैश (Jaish) में तीन आतंकवादी यानी 5% नए आतंकी गुर्गे इस संगठन में भर्ती हुए.
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