पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से लगातार भारत के खिलाफ साजिश रची जा रही हैं. पड़ोसी मुल्क की खुफिया एजेंसी ISI आतंकियों की सबसे बड़ी मददगार के तौर पर काम करती है और उसी ने ही इन आतंकियों को खास निर्देश दिए हैं.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन भारत को निशाना बनाने के लिए लगातार नापाक साजिश रचते रहते हैं लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों की बहादुरी के आगे उनकी हर साजिश नाकाम होती आई है. अब जानकारी मिली है कि जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के इरादे से करीब 150 आतंकी लॉन्चिंग पैड पर जमा हो चुके हैं.
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के लिए लॉन्चिंग पैड पर करीब 150 आतंकी जमा हैं. ज़ी मीडिया को इसे लेकर एक्सक्लूसिव जानकारी हासिल हुई है. जम्मू से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा के नज़दीक के पाकिस्तानी इलाके में आतंकियों की मूवमेंट सबसे ज्यादा देखी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू में दाखिल होने के लिए जहां 80 आतंकी अलग-अलग ग्रुप में हथियारों के साथ देखे गए हैं. वहीं कश्मीर में घुसपैठ के लिए 70 आतंकी लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) से सटे लॉन्चिंग पैड पर जमा हैं. सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक जब से पाकिस्तान के साथ सीजफायर हुआ है तब से आतंकियों की संख्या में कमी देखी गई है, पहले इन लॉन्चिंग पैड पर 300-400 आतंकी होते थे.
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अन्य अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI लगातार जम्मू में आतंकियों की घुसपैठ करा कर सुरक्षा एजेंसियों पर बड़े हमले कराने की साजिशों में लगी हुई है और यही वजह है कि जम्मू से सटे लॉन्चिंग पैड पर आतंकियों का सबसे बड़ा जमावड़ा है. लॉन्चिंग पैड पर जमा आतंकी लश्कर, जैश, हिजबुल और अल बदर ग्रुप से हैं जो पुंछ, कृष्णा घाटी, बिम्बर गली, नौशेरा, गुरेज, माछिल, तंगधार, नौगाम और उरी सेक्टर से सटे लॉन्चिंग पैड पर देखे गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक ISI ने जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के लिए आतंकियों को नए रास्तों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है जिससे भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई से बचा जा सके. मुजफ्फराबाद के चेला बंदी लश्कर हेडक्वार्टर में पिछले महीने हुई बैठक में भारत में आतंकी हमले तेज करने को कहा गया था.
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इस बैठक में ISI के अधिकारी भी मौजूद थे. ISI ने आतंकी संगठनों को निर्देश दिया है कि वो कश्मीर में ज्यादा से ज्यादा ओवर ग्राउंड वर्कर्स को अपने ग्रुप में भर्ती करने के साथ ही हमले के लिए आतंकियों की आर्थिक मदद करें.