Sita Devi Love Story: भारत की इस महारानी ने प्यार के लिए तोड़ दी सारी सीमा, इस्लाम कबूल कर लिया तलाक फिर बड़ौदा महाराज से रचाई शादी
Advertisement
trendingNow11801499

Sita Devi Love Story: भारत की इस महारानी ने प्यार के लिए तोड़ दी सारी सीमा, इस्लाम कबूल कर लिया तलाक फिर बड़ौदा महाराज से रचाई शादी

Baroda Queen Sita Devi: बड़ौदी का महारानी रहीं सीता देवी की कहानी भी बेहद दिसचस्प है. वैसे तो उनकी पहली शादी एक छोटी रियासत के राजा से हुई थी लेकिन बड़ौदा के अंतिम महाराजा से पहले नैन मिले और फिर दिल. दिल्लगी इस कदर बढ़ी कि वो दोनों एक होना चाहते थे हालांकि सीता देवी का पहले से शादीशुदा होना रोड़ा था.

Sita Devi Love Story: भारत की इस महारानी ने प्यार के लिए तोड़ दी सारी सीमा, इस्लाम कबूल कर लिया तलाक फिर बड़ौदा महाराज से रचाई शादी

Sita Devi Love Life: दिल और नैन पर किसका जोर. वो अपनी इच्छा से उड़ान भरता है. बीच में कुछ पड़ाव आते हैं जहां दिल और नैन दोनों को ठहरना ही पड़ता है. यहां हम बात करेंगे कि बड़ौदा की महारानी सीता देवी की. दिलकश, शोख अंदाज वाली महारानी पहले ही किसी और शख्स के साथ सात बंधनों में बंध चुकी थीं लेकिन नियति उनकी आगे की जिंदगी के हमसफर को पहले ही तय कर चुकी थी. सीता देवी का हमसफर कोई और नहीं बल्कि बड़ौदा के अंतिम महाराजा थे. लेकिन उनसे शादी इतनी आसान नहीं थी क्योंकि वो पहले से ही शादीशुदा थीं. जब अपने पहले  पति से तलाक के लिए कहा तो उन्होंने इनकार कर दिया. इन सबके बीच उनको पता चला कि अगर वो इस्लाम धर्म अपना लें तो वो बड़ौदा के महाराज से शादी  रचा पाएंगी. उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार और तलाक की अर्जी कोर्ट में लगाई और पहले पति से छुटकारा मिल गया.

मद्रास प्रेसीडेंसी की थीं सीता देवी

1917 में जन्मीं सीता देवी पीथापुरम के महाराजा और श्री रानी चिन्नाम्बा देवी की एकमात्र संतान थीं । पीथापुरम उस समय मद्रास प्रेसीडेंसी में एक महत्वपूर्ण रियासत थी। सीता देवी ने मेक्का अप्पा राव वुय्युरू के समृद्ध जमींदार से शादी की, जिनके पास काफी मात्रा में जमीन थी. वे एक लड़के के माता-पिता थे. 1935-1943 तक वुय्युरू की राजकुमारी पत्नी थीं. लेकिन उनकी जिंदगी में भूचाल तब आया जब घोड़े की रेस में गायकवाड़ के अंतिम राजा प्रताप सिंह से शादी करने का फैसला किया लेकिन शादी में अड़चन यह थी कि सीता देवी पहले से ही शादीशुदा थीं. कानून के अनुसार, सीता देवी को पहले इस्लाम धर्म स्वीकार कर पहली शादी को समाप्त किया. और फिर बड़ौदा के महाराजा से शादी करने से पहले हिंदू धर्म में लौटना पड़ा. इस तरह 1946 में बड़ौदा की महारानी सीता देवी बन गईं.

दो बार अमेरिकी यात्रा में खर्च किए 10 मिलियन डॉलर

प्रताप सिंह एक शाही व्यक्ति थे, वह उस समय देश के दूसरे सबसे अमीर थे और सीता देवी की विलासितापूर्ण जीवनशैली में इसका भी योगदान था. ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बड़ौदा की महारानी सीता देवी मोंटे कार्लो में एक हवेली खरीदने के बाद स्थायी रूप से बस गईं. महाराजा अक्सर वहां जाते थे और अक्सर अपने साथ बड़ौदा से बड़ी मात्रा में धन लाते थे, जिसमें अमूल्य आभूषण और नकदी भी शामिल थी. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस जोड़े ने दो बार अमेरिका की यात्रा की जिसमें बताया जाता है कि 10 मिलियन डॉलर से अधिक राशि खर्च हुई थी. भारतीय अधिकारियों को बाद में पता चला कि महाराजा ने बड़ौदा राजकोष से बिना ब्याज के पैसा उधार लिया था. बाद में उन्हें ऋण चुकाने के लिए अपने वार्षिक वेतन में से 8 मिलियन का डॉलर देना पड़ा.  महारानी को ऑटोमोबाइल बहुत पसंद था और कहा जाता है कि उनके लिए मर्सिडीज-बेंज द्वारा एक विशेष मर्सिडीज W126 बनवाई गई थी. TIMES की रिपोर्ट के अनुसार उनके पास पेरिस में एक स्वप्निल अपार्टमेंट है। वह भव्य शैली में रहती रही और बैरन डी रोथ्सचाइल्ड का बोर्डो पीने का आनंद लेती रही. सीता देवी का 71 वर्ष की आयु में प्राकृतिक कारणों से निधन हो गया, एक ऐसी महारानी के रूप में नाम दर्ज हुआ जिसने प्यार के लिए सभी सीमाएं तोड़ दीं.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news