कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर को देश में आने से रोका जा सकता है. इस संबंध में ICMR और Imperial College लंदन ने एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार की है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर का खतरनाक रूप झेलने के बाद अब सरकार तीसरी लहर की आशंका से परेशान है. इस संबंध में ICMR और Imperial College लंदन ने एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना कम है.
स्टडी में कहा गया है कि देश में तीसरी लहर (Corona Third Wave) केवल 4 कारणों से आ सकती है. पहला कारण, जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी है, उनकी इम्यूनिटी कम हो जाए. दूसरा कारण, कोई ऐसा नया वायरस वेरिएंट आ जाए, जो कि इम्यूनिटी को बाईपास कर जाए.
तीसरा कारण, कोरोना (Coronavirus) का कोई ऐसा वायरस वेरिएंट आ जाए जो पहले वाले वेरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलने वाला हो. चौथा और अंतिम कारण, लॉकडाउन खोलने के बाद सड़कों पर भीड़ इतनी बढ़ जाए कि उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाए.
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स्टडी में कहा गया है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) आती भी है, तब भी वह दूसरी लहर की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर देश में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज रहे और लोग सामाजिक दूरी का पालन करें तो इस लहर को थामा भी जा सकता है.
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