किस बात पर निर्भर करेगी तीसरी लहर की एंट्री? एम्स डायरेक्टर Randeep Guleria ने दिया जवाब
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किस बात पर निर्भर करेगी तीसरी लहर की एंट्री? एम्स डायरेक्टर Randeep Guleria ने दिया जवाब

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर AIIMS डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, 'कोविड-19 की तीसरी लहर अप्रत्याशित है. इससे बच्चे अधिक संवेदनशील होंगे.'

फाइल फोटो.

विशाखापत्तनम: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने शनिवार को यहां कहा कि हो सकता है कि देश में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर न दिखे, लेकिन यह काफी हद तक लोगों पर कोविड के उचित व्यवहार का पालन करने पर निर्भर करता है.

  1. कोरोना की तीसरी लहर पर बोले AIIMS डायरेक्टर
  2. रणदीप गुलेरिया ने कहा- तीसरी लहर अप्रत्याशित
  3. 50% बच्चों में पहले ही बन चुकी है एंटीबॉडीज

'बच्चे अधिक संवेदनशील होंगे'

गुलेरिया ने कहा कि एकमात्र अप्रत्याशित हिस्सा यह है कि वायरस कैसे व्यवहार करता है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम ऐसी तीसरी लहर देखेंगे जो दूसरी लहर जितनी खराब होगी.’ इस आशंका का जिक्र करते हुए कि संभावित तीसरी लहर बच्चों को अधिक संक्रमित कर सकती है, एम्स प्रमुख ने कहा कि बच्चे अधिक संवेदनशील होंगे क्योंकि उनका वैक्सीनेशन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘आम भावना यह है कि वयस्कों (Adults) को टीका लगाया जा रहा है, बच्चों का टीकाकरण नहीं किया जा रहा है और इसलिए यदि कोई नई लहर है तो यह उन लोगों को प्रभावित करेगी जो अधिक संवेदनशील हैं. बच्चे अधिक संवेदनशील होंगे.’

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50% बच्चों में बन चुकी है एंटीबॉडीज

गुलेरिया ने बताया कि सीरो सर्वेक्षण के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे पहले ही संक्रमित हो चुके हैं और उनमें एंटीबॉडीज हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन उम्मीद है कि एक या दो महीने में बच्चों के लिए भी एक (कोविड-रोधी) टीका आ जाएगा और इसके बाद बच्चों का भी टीकाकरण शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां तक गंभीर बीमारी का संबंध है, टीके अभी भी प्रभावी हैं. उन्होंने कहा, ‘टीके गंभीर बीमारी होने और कोविड-19 से मौत को रोकने में मदद कर रहे हैं. संक्रमण अभी भी हो रहा है लेकिन संक्रमित लोग मुख्य रूप से वे हैं जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है. इसलिए हम कह रहे हैं कि अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण की आवश्यकता है.’ गुलेरिया ने बताया कि वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमित होने वाले लोगों में मुख्य रूप से हल्का संक्रमण हो रहा है. इसलिए टीके गंभीर बीमारी से सुरक्षा देने में प्रभावी हैं.'

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