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नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. पहले तो हार्ट अटैक सिर्फ पुराने मरीजों को होता था लेकिन अब यह युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है और यह चिंता का विषय है. हाल ही में दिल्ली में भी ऐसा एक मामला सामने आया है. इसका कारण ये बताया गया कि उसकी धमनियों में 99% ब्लॉकेज थी. हालांकि डॉक्टरों ने स्टंट डालकर उसकी जान बचा ली.
दरअसल दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके के अंबेडकर नगर में रहने वाले 25 साल के रमन को 4 सितंबर को हार्ट अटैक आया. रात में सोते वक्त इन्हें अचानक सीने में अचानक उठा, बेचैनी होने पर रमन ने अपने दर्द के बारे में परिवार को बताया. रमन ने इंतजार किया कि थोड़ी देर में यह दर्द ठीक हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दर्द के साथ उन्होंने रात में कई बार उल्टियां (Vomiting) भी कीं. इसके बाद रमन ने दर्द बढ़ता देख अपने भाई से कहा कि उसे किसी पास के अस्पताल ले जाओ क्योंकि उससे दर्द सहन नहीं हो रहा. पास के किसी अस्पताल में ले जाने पर रमन को एसिडिटी का इंजेक्शन दे दिया गया लेकिन उससे भी रमन को कोई राहत नहीं मिली. रमन के फैमिली डॉक्टर ने जब रमन की ECG जांच की, तो पता चला कि रमन को हार्ट अटैक आया है. आनन-फानन में रमन को मैक्स हॉस्पिटल के इमरजेंसी विभाग में भर्ती किया गया.
कुछ साल पहले तक हार्ट अटैक की बीमारी को बुढ़ापे की बीमारी माना जाता था. लेकिन अब जिस तरीके से युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं, यह चिंताजनक है. हाल ही में हुई एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की मौत भी इसका एक ताजा उदाहरण है. अब ऐसा ही मामला दिल्ली से भी सामने आया है जहां महज 25 साल के एक जवान लड़के रमन को हार्ट अटैक आया है.
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मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर विवेक के मुताबिक रमन की धमनियों में 99% ब्लॉकेज था जिसकी वजह से रमन को हार्ट अटैक आया था. हालांकि मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने स्टेंट डालकर उसकी जान बचाई और 2 दिन आईसीयू में रहने के बाद अब रमन को अच्छा महसूस हो रहा है.
रमन जैसे कई युवाओं को पिछले कई सालों में हार्टअटेक आने के मामले सामने आए हैं. लेकिन आखिर पिछले सालों में ऐसा क्या हुआ है जिसकी वजह से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ने लगे हैं? कोरोना के इस दौर में दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या कोरोना के बाद युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं? डॉक्टरों का मानना है कि कोविड-19 के बाद इम्यून सिस्टम (Immune System) कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो युवाओं में बढ़ती धूम्रपान की लत, शराब का सेवन, व्यायाम और योग ना करना या काम का स्ट्रेस लेना और इरेगुलर स्लीप (Irregular Sleep) इसका मुख्य कारण है.
दिल्ली के जी बी पंत हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टर और प्रोफेसर मोहित गुप्ता के मुताबिक यह लाइफस्टाइल बदलने की वजह से हो रहा है. हर कोई आज अचीवमेंट के पीछे भाग रहा है जिसकी वजह से एंगर, एंजाइटी बढ़ रही है और डायबिटीज के मामले भी बढ़ रहे हैं. ऐसा भी माना जाता है कि साउथ एशियन लोगों में पूरी दुनिया के मुकाबले हार्ट अटैक आने का चांस एक तिहाई ज्यादा रहता है. अनफिट लोगों को तो दिल का खतरा है ही लेकिन यह भी नहीं कहा जा सकता कि फिट लोग दिल की बीमारी से दूर हैं. हो सकता है जो जिम जाता है उसका खान-पान अच्छा ना हो. यही कारण है कि लोगों में हार्टअटैक के मामले बढ़ रहे हैं. लेकिन अगर युवा अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएंगे तो इस खतरे को दूर किया जा सकता है. अगर युवा हेल्दी डाइट के साथ एक्सरसाइज या योगा करें और साथ ही आराम करें तो हार्टअटैक जैसे बड़े खतरे से बचा जा सकता है.
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