Tomato Flu: क्या भारत से फैल रहा टोमैटो फ्लू? कोरोना-मंकीपॉक्स की तुलना में कितना खतरनाक, एक्सपर्ट ने दिया जवाब
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Tomato Flu: क्या भारत से फैल रहा टोमैटो फ्लू? कोरोना-मंकीपॉक्स की तुलना में कितना खतरनाक, एक्सपर्ट ने दिया जवाब

Tomato flu risk: क्या भारत से एक नई महामारी का जन्म हो रहा है और क्या कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स के बाद एक और नई बीमारी से हमें सामना करना होगा. इसके लिए सबसे पहले ये समझना होगा कि ये टोमैटो फ्लू क्या है और कहां से आया है. 

Tomato Flu: क्या भारत से फैल रहा टोमैटो फ्लू? कोरोना-मंकीपॉक्स की तुलना में कितना खतरनाक, एक्सपर्ट ने दिया जवाब

Tomato flu origin and symptoms: कोरोना, ओमिक्रॉन, मंकीपॉक्स और स्वाइन फ्लू के बाद अब एक नया फ्लू चर्चा का विषय बन चुका है, जिसका नाम टोमैटो फ्लू है. अब सवाल यह है कि क्या ये कोई नई बीमारी है, जिसकी शुरुआत भारत में मानी जा रही है. ये सवाल इसलिए क्योंकि 17 अगस्त को लैंसेट जर्नल ने एक आर्टिकल प्रकाशित किया है जिसके मुताबिक भारत में एक नई बीमारी टोमैटो फ्लू सामने आई है. इस बीमारी की चपेट में अब तक 80 से ज्यादा मरीज भी हो चुके हैं. भारत के दक्षिणी राज्य केरल में इसका सबसे ज्यादा प्रकोप देखने को मिला है और बच्चे सबसे पहले इसका शिकार हो रहे हैं. 

बच्चों में दिखते हैं ऐसे लक्षण

क्या भारत से एक नई महामारी का जन्म हो रहा है और क्या कोरोना वायरस और मंकीपॉक्स के बाद एक और नई बीमारी से हमें सामना करना होगा. इसके लिए सबसे पहले ये समझना होगा कि ये टोमैटो फ्लू क्या है और कहां से आया है. केरल में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ये बीमारी पाई गई है. इस बीमारी में बच्चों को बुखार के साथ लाल चकत्ते यानी Rashes और लाल दाने निकलते हैं जो कुछ-कुछ टमाटर जैसे लगते हैं. आम तौर पर ये बीमारी ऐसे बच्चों में देखी जा रही है जिन्हें हाल ही में डेंगू या चिकनगुनिया हुआ हो और वो उससे रिकवर कर रहे हों. इस बीमारी में बुखार के साथ थकान, लाल दाने, जोड़ों में दर्द हो सकता है. 

इस बारे में हमने मधुकर रेनबो अस्पताल के डॉ पवन कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स इस बीमारी से काफी अलग है और कम खतरनाक भी है. आमतौर पर ये बीमारी आराम करने और बुखार की दवा लेने से ही 5 से 7 दिन में ठीक हो जाती है. ये एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैल सकती है लेकिन इसके बच्चों से बड़ों में फैलने की आशंका कम ही रहती है. हालांकि कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये कोई नई बीमारी नहीं है, बस इसे टोमैटो फ्लू का नया नाम दे दिया गया है.

पहले से मौजूद है यह बीमारी

लैंसेट जर्नल में जो रिसर्च पेपर छपा है उसमें ये कहीं नहीं लिखा है कि लैब टेस्ट या किसी और तरीके से ये साबित हुआ हो कि ये कोई नया वायरस है. डॉ अनिल बत्रा के मुताबिक ये बच्चों में पाई जाने वाली हैंड, फुट एंड माउथ डिज़ीज़ ही है, या ये उसका वेरिएंट भी हो सकता है. ये बीमारी पहले भी भारत के हर हिस्से में बच्चों में पाई गई है. नई बीमारी का नाम देने के लिए पहले रिसर्च और टेस्ट के ज़रिए इस बीमारी की पहचान होनी चाहिए.

जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक टोमैटो फ्लू का पहला मामला 6 मई को केरल के कोल्लम में मिला और तीन महीने में इस बीमारी ने 82 बच्चों को अपनी चपेट में लिया है. केरल के अलावा, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा में भी इस बीमारी के शिकार बच्चे मिले हैं. ये बीमारी कोरोना वायरस की तरह तेज़ी से नहीं फैलती और ना ही मंकीपॉक्स की तरह जानलेवा साबित होती है. बच्चों को आराम करवाएं, स्कूल और खेलने ना जाने दें, बच्चों को पानी देते रहें.  हालांकि दक्षिण के कुछ राज्यों में इस बीमारी के फैलने के बाद राज्य सरकारों के स्तर पर सावधानी जरूर बरती जा रही है.

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