ताज महल (Taj Mahal) का दीदार करने वालों की संख्या में कमी के पीछे सबसे बड़ी वजह साल 2020 में आई कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी को माना जा रहा है. दरअसल इस दौरान लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी रही और कई बार ताज महल को पर्यटकों के लिए बंद भी करना पड़ा.
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आगरा: दुनिया के 8 अजूबों में सबसे ज्यादा मशहूर, प्यार की निशानी और वास्तुकला के अद्भुत नमूने ताज महल (Taj Mahal) से जुड़ी इस खबर ने सबको चौंका दिया है. दरअसल पिछले साल 2020 में ताज महल (Taj Mahal) का दीदार करने वालों की संख्या 2019 के मुकाबले 76 प्रतिशत तक गिर गई.
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के सुपरिटेंडेंट वसंत स्वर्णकार ने कहा कि ताज महल देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या तेजी से कम हुई है. साल 2019 की तुलना में पिछले साल 2020 में यहां आए पर्यटकों की संख्या 76 प्रतिशत तक कम हो गई.
Compared to 2019, tourists' footfall fell by 76% at Taj Mahal in 2020: Vasant Kumar Swarnkar, Superintendent, Archaeological Survey of India (ASI), Agra (16.1) pic.twitter.com/corPGCRJqN
— ANI UP (@ANINewsUP) January 17, 2021
ताज महल (Taj Mahal) का दीदार करने वालों की संख्या में कमी के पीछे सबसे बड़ी वजह साल 2020 में आई कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी को माना जा रहा है. दरअसल इस दौरान लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी रही और कई बार ताज महल को पर्यटकों के लिए बंद भी करना पड़ा.
गौरतलब है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों ने घूमना-फिरना भी कम कर दिया. वहीं कोरोना के चलते विदेशी पर्यटक भी ताज महल का दीदार करने भारत कम ही आए.
जान लें कि ताज महल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था. ताज महल 1643 ईस्वी में बनकर तैयार हुआ था. ताज महल बनाने में 10 साल का वक्त लगा था. सफेद संगमरमर से बना ताज महल 350 साल से ज्यादा वक्त से यमुना के किनारे लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
बता दें कि दूर-दूर से लोग उत्तर प्रदेश के आगरा में ताज महल का दीदार करने आते हैं. दुनियाभर में करोड़ों लोग ताज महल के दीवाने हैं. ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई विदेशी पर्यटक भारत की यात्रा पर आया है तो वो ताज महल देखने जरूर जाएगा. लेकिन कोरोना वायरस का असर ताज महल पर भी पड़ गया.
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