Twin Towers: ट्विन टावर का काउंटडाउन शुरू, इमारत ध्वस्त करने से पहले सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
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Twin Towers: ट्विन टावर का काउंटडाउन शुरू, इमारत ध्वस्त करने से पहले सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

Twin Towers demolition: ट्विन टावर का डिमोलिशन भले ही कंट्रोल्ड बताया जा रहा हो, मगर सरकार और प्रशासन कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहते हैं. नोएडा के 3 अस्पतालों को आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं.

Twin Towers: ट्विन टावर का काउंटडाउन शुरू, इमारत ध्वस्त करने से पहले सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

Twin Towers demolition News: नोएडा सेक्टर 93 के ट्विन टावर के डिमोलिशन के बीच रिहायशियों का स्वास्थ्य एक बड़ी चुनौती है. रिहायशियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. टॉवर ध्वस्तीकरण से पहले सरकार ने 3 अस्पतालों को 'सेफ हॉस्पिटल' घोषित कर दिया है. यानी ध्वस्तीकरण के दौरान किसी भी तरह से इमरजेंसी हालत पैदा होने पर, हल्की या गहरी चोट, या फिर उठते धूल के गुबार से कोई भी शारीरिक समस्या होगी तो अस्पताल आने वाले किसी भी घायल या बीमार शख्स को उचित इलाज दिया जाएगा. सेफ हॉस्पिटल के नामों में नोएडा के फेलिक्स के अलावा जेपी हॉस्पिटल और यथार्थ हॉस्पिटल का नाम शामिल है. हालांकि फेलिक्स के मुकाबले डिमोलिशन स्पॉट से इन अस्पतालों की दूरी ज्यादा है.

क्या है फेलिक्स हॉस्पिटल में तैयारियां?

ट्विन टावर का डिमोलिशन भले ही कंट्रोल्ड बताया जा रहा हो, मगर सरकार और प्रशासन कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहते हैं. नोएडा के 3 अस्पतालों को आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. बतौर सेफ हॉस्पिटल घोषित हुए अस्पतालों में से एक नोएडा सेक्टर 137 का फेलिक्स हॉस्पिटल है. जो डिमोलिशन स्पॉट से महज 4 किमी दूर है. आपको बता दें कि आपातकालीन स्थिति के लिए अस्पताल के 12वीं मंजिल पर सामान्य वार्ड तैयार है, तो वहीं 7वीं मंजिल पर आईसीयू के बेड्स तैयार किए गए हैं. वेंटीलेटर, बाइपेप, मॉनिटर भी तैयार हैं. अस्पताल में कुल 50 बेड्स होंगे, जिनमें इमरजेंसी वॉर्ड्स, आईसीयू एनआईसीयू और कार्डियक वार्ड्स तैयार हैं. हल्की चोट वालों को सामान्य वार्ड में और सीरियस इंजरी वाले को आईसीयू में रखा जाएगा. ऑपरेशन थियेटर को हाई अलर्ट पर रखा जाएगा. रविवार के दिन भी डॉक्टर्स को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. एंबुलेंस भी रेडी टू मूव मोड में रहेंगी.

किन परेशानियों की संभावना और क्या करें बचाव?

डॉक्टर डीके गुप्ता के मुताबिक लोगों को आंख में जलन, स्किन इचिंग, सांस की समस्या, नेजल कंजेशन, थ्रोट और खासतौर पर बच्चों, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं की समस्या बढ़ सकती है. तो उन्हें खास बचाव की जरूरत है.

कई दिन तक हवा रहेगी दूषित

डिमोलिशन के कई दिन बाद तक वातावरण में प्रदूषण का असर रह सकता है ऐसे में मॉर्निंग वॉक कुछ दिन के लिए अवॉइड करें. घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. इंडोर रहने की कोशिश करें. इंडोर एक्टिविटीज करें. प्रदूषण कम होने पर ही बाहर जाएं. तरल पदार्थों का सेवन करें. 95 मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें. पॉल्यूशन कब तक रहेगा ये मौसम पर निर्भर करेगा. हवा और बारिश रहने पर प्रदूषण जल्द दूर हो जाएगा.

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