Ayodhya: 'इन सबकी बुद्धि पर पाला पड़ गया है..', राम मंदिर से दूरी बनाने वाले विपक्ष को उमा भारती की खरी-खोटी
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Ayodhya: 'इन सबकी बुद्धि पर पाला पड़ गया है..', राम मंदिर से दूरी बनाने वाले विपक्ष को उमा भारती की खरी-खोटी

Ram Temple: उमा भारती से जब पूछा गया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बनाना विपक्ष का मूर्खतापूर्ण सियासी कदम है तो उन्होंने कहा कि विपक्ष की बुद्धि को पाला मार गया है. विपक्ष को कुछ हो गया है.

Ayodhya: 'इन सबकी बुद्धि पर पाला पड़ गया है..', राम मंदिर से दूरी बनाने वाले विपक्ष को उमा भारती की खरी-खोटी

Ram Temple: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या नगरी सजकर तैयार है. पूरे देश को 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार है. प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन में जहां देश-दुनिया की तमाम हस्तियां मौजूद रहेंगी वहीं, विपक्ष अयोध्या से दूरी बनाए रखेगा. कारण जो भी हो लेकिन जानकार इसे सिर्फ और सिर्फ राजनीति कह रहे हैं. राम मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे ही सवालों के बारे में जब पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती से पूछा गया तो उन्होंने विपक्ष की बखिया उधेड़ दी. आइये आपको बताते हैं उमा भारती ने ज़ी न्यूज से एक्सक्लूजिव बातचीत में क्या कहा...?

विपक्ष पर बरसीं उमा भारती

उमा भारती से जब पूछा गया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बनाना विपक्ष का मूर्खतापूर्ण सियासी कदम है तो उन्होंने कहा कि विपक्ष की बुद्धि को पाला मार गया है. विपक्ष को कुछ हो गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस या विपक्ष का कोई भी नेता राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जाएगा उन्हें भी पब्लिसिटी मिलेगी. उनका भाजपा पर पब्लिसिटी का आरोप लगाना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा अगर 22 जनवरी को ममता बनर्जी या सोनिया गांधी वहां पहुंचेंगी तो मीडिया का फोकस जरूर उनपर होगा.

कांग्रेस को सुनाई खरी-खोटी

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया था. कांग्रेस का यह रवैया आज का नहीं है बल्कि बहुत पुराना है. नेहरू जी ने तो भगवान श्री राम को ताले में बंद कर दिया था. कांग्रेस हमेशा से फूट डालो शासन करो की राजनीति करती रही है. कांग्रेस समझती है कि हिन्दुओं को बांटना आसान है. लेकिन अब तो मुसलमान भी कांग्रेस की फितरत को समझ गए हैं और पार्टी से दूरी बना ली है.

ममता बनर्जी पर भी साधा निशाना

उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे तो भगवा रंग से ही नफरत करती हैं. नफरत ऐसी कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद तक को गेरुआ रंग नहीं पहनने दिया. स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर सफेद कपड़े पहना दिए. उमा भारती ने कहा कि संन्यास लेने के बाद स्वामी विवेकानंद ने भगवा यानी गेरुआ रंग धारण कर लिया था. लेकिन ममता बनर्जी को यह समझ नहीं आता.

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