Trending Photos
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के कारण देश के सारे अस्पताल भारी बोझ तले दबे हैं. ऐसे में कोविड-19 (Covid-19) टीकाकरण और सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन करके ही इन हालातों से उबरा जा सकता है. इसके लिए केंद्र सरकार ने देश की 18 साल से ज्यादा उम्र की पूरी आबादी के लिए टीकाकरण (Vaccination) करने की घोषणा कर दी है. हालांकि वैक्सीन की कमी के कारण टीकाकरण की रफ्तार खासी घट गई है. इसे लेकर केंद्र सरकार को घेरा जा रहा है. इसी बीच प्रेस ब्रीफिंग में जब केंद्रीय मंत्री सनानंद गौड़ा (Sadananda Gowda) से वैक्सीन उत्पादन को लेकर सवाल पूछा गया तो वे भड़क गए.
सवाल से भड़के केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री गौड़ा ने कहा यदि समय रहते वैक्सीन का पूरा उत्पादन नहीं हो पाता है तो क्या सरकार के लोग खुद को फांसी पर लटका लें. टीकाकरण को लेकर सरकार का रोडमैप और आगे की रणनीति साझा कर रहे गौड़ा वैक्सीन के उत्पादन के सवाल पर नाराज हो गए. उन्होंने कहा- 'कोर्ट ने तो अच्छी नीयत से कहा है कि देश में सभी को जल्द कोरोना का टीका लग जाना चाहिए. लेकिन मैं आपसे पूछता हूं यदि कोर्ट हम से बोले कि हमें इतनी वैक्सीन देनी है और हम उतनी नहीं दे पाए, तो क्या सरकार के लोग खुद को फांसी पर लटका लें.'
यह भी पढ़ें: NITI Aayog ने चेताया: अभी नहीं मिलेगी Corona से निजात, कहीं नहीं गया है Virus; फिर आ सकती है Peak
हालांकि उन्होंने टीकाकरण अभियान में हुईं खामियों की बात स्वीकारी. उन्होंने कहा, 'मुझे अहसास है कि टीकाकरण अभियान में कुछ कमियां हैं जिन्हें हम जल्द दूर कर लेंगे. कुछ चीजें सरकार के नियंत्रण से बाहर होती हैं. हम उन्हें मैनेज नहीं कर सकते हैं. सरकार के फैसले कभी भी राजनीति को ध्यान में रखते हुए नहीं लिए जाते हैं. सरकार ने कोविड मामले में अपनी तरफ से पूरी ईमानदारी और सच्ची निष्ठा के साथ काम किया है.' उन्होंने यह भी कहा कि कुछ दिनों में टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी.
इसी दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि यदि सरकार समय पर सारे इंतजाम न करती तो देश में 10 गुना या 100 गुना ज्यादा मौतें होतीं. वहीं ऑक्सीजन संकट पर उन्होंने कहा कि सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई 300 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1500 मीट्रिक टन कर दी है. हालांकि बाद में उन्होंने यह स्वीकारा कि कोरोना के मामलो में तेजी से बढ़ोतरी हुई जिसके कारण सरकार द्वारा किए गए इंतजाम भी कम पड़ गए.
जबकि कोविड मरीजों के इलाज के लिए सरकार की तैयारियों में कमी को लेकर कोर्ट ने कई बार केंद्र सरकार को फटकारा है. इसे लेकर रवि ने कहा है कि जज को सब कुछ नहीं पता होता है. हमें तकनीकी सलाहकार समिति जो सलाह देती है, उस आधार पर फैसले लिए जाते हैं और उन्हीं की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए जाते हैं.