संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक सम्मेलन में बताया गया कि भारत में हाल में संपन्न हुए आम चुनाव सबसे ऐतिहासिक और ‘‘समावेशी’’ चुनाव थे क्योंकि इसमें सुनिश्चित किया गया कि दिव्यांग समेत हर व्यक्ति अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें.
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संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक सम्मेलन में बताया गया कि भारत में हाल में संपन्न हुए आम चुनाव सबसे ऐतिहासिक और ‘‘समावेशी’’ चुनाव थे क्योंकि इसमें सुनिश्चित किया गया कि दिव्यांग समेत हर व्यक्ति अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें. मंगलवार को यहां सम्मेलन को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग की सचिव शकुंतला डोले गामलिन ने कहा कि भारत ने दिव्यांग नागरिकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने की प्रतिबद्धता निभाई.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में हाल में सबसे ऐतिहासिक, समावेशी आम चुनाव संपन्न हुआ जहां मतदान केंद्रों पर व्यापक सुविधाएं मुहैया करायी गईं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी व्यक्ति अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.’’ साल 2019 का चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक चला था. चुनाव नतीजे 23 मई को घोषित किए गए.
गामलिन ने बताया कि मतदान के लिए सुविधाओं में मतदान कक्ष तक बाधा रहित रास्ता, सुगम शौचालय, अलग प्रवेश एवं निकास द्वार, ब्रेल लिपि में बैलट दिशा निर्देश पुस्तिका, ब्रेल लिपि में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वोटर पर्चियां, व्हीलचेयर के साथ-साथ निशुल्क स्थानीय सार्वजनिक परिवहन सुविधा शामिल रहीं.’’
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाधा रहित माहौल के जरिए ‘एक्सेसिबल इंडिया कैम्पेन’ चलाया. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ‘विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों के सम्मेलन’ में कहा कि विकलांगता समावेशन ना केवल एक मौलिक मानवाधिकार है बल्कि यह सतत विकास पर 2030 एजेंड के वादे के लिए भी अहम है.
(इनपुट: एजेंसी भाषा)