UP: ATS को मिले अवैध धर्मांतरण के सबूत, 60 दिन की जांच के बाद 6 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
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UP: ATS को मिले अवैध धर्मांतरण के सबूत, 60 दिन की जांच के बाद 6 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

अवैध धर्मांतरण मामले में यूपी ATS ने 6 आरोपियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है. करीब 60 दिनों की जांच के बाद यूपी एटीएस ने ये कार्रवाई की है.  

अवैध धर्मांतरण मामले में यूपी ATS ने 6 आरोपियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट (फाइल फोटो).

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अवैध धर्मांतरण मामले में गुरुवार को यूपी एटीएस (UP ATS) ने 6 आरोपियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. करीब 60 दिन की जांच के बाद एटीएस ने उमर गौतम, जहांगीर आलम, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, इरफान शेख और सलाउद्दीन पर आईपीसी की धारा 417, 120B, 153A, 153B, 295A, 298 और अवैध धर्म परिवर्तन एक्ट के तहत कार्रवाई की है.

  1. अवैध धर्मांतरण मामले में यूपी ATS ने दायर की चार्जशीट
  2. 6 आरोपियों के खिलाफ IPC की कई धाराओं में कार्रवाई
  3. देशभर में बड़े स्तर पर चल रहा अवैध धर्मांतरण का खेल 

बड़े स्तर पर हुआ धर्मांतरण

चार्जशीट में कहा गया कि, 'इन अभियुक्तों के खिलाफ देशभर में बड़े स्तर पर अवैध धर्म स्थानांतरण कराए जाने के पर्यापत सबूत मिले हैं, जिसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हुए हैं. ये आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, महिलाओं, दिव्यांग (विशेष कर मुक-बधिरों) को बहला-फुसलाकर या उनकी इच्छा के खिलाफ धर्म परिवर्तन करवा देते थे. चार्जशीट में उमर गौतम, काजी जहांगीर पर अवैध धर्म परिवर्तन का इंटरनेशनल गिरोह चलाने का आरोप लगाया गया है. साथ ही कहा गया है कि ये लोग धर्मांतरित लोगों को रेडिक्लाइज करते थे.

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विदेश से आते थे करोड़ों रुपये

इस्लामिक दावा सेंटर, गाजियाबाद (IDC) और नोएडा डेफ सोसायटी को अवैध धर्म परिवर्तन का केंद्र बनाया गया था. एटीएस के अनुसार देश का जनसंख्या संतुलन बिगाड़कर लोक अशांति फैलाने के भी सबूत मिले हैं. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट कस्टम की कोर्ट में ये चार्जशीट दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि अवैध धर्म परिवर्तन के लिए विदेशों में बैठे इनके सहयोगियों द्वारा भारी मात्रा में हवाला के माध्यम से उमर गौतम को पैसा भेजा जा रहा था. उमर गौतम इन पैसों को अपने गिरोह के सदस्यों को भेजता था और उसके बाद इसका इस्तेमाल अवैध धर्म परिवर्तन कराने में होता था. आईडीसी ऐसा संस्थान है, जहां धर्मांतरण के शिकार लोगों का अपने अवैध नेटवर्क का प्रयोग करके झूठी सूचनाओं के आधार पर धर्मांतरण संबंधी कागजात तैयार कराए जाते थे.

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