Loksabha Chunav 2024: राजनीति में कहावत है कि दिल्ली की सत्ता यूपी से होकर गुजरती है. लिहाजा राजनीतिक दल यूपी को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा देते हैं. 2014 और 2019 में मिली शानदार कामयाबी को एक बार फिर जमीन पर उतारने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है. उस क्रम में बीजेपी ने संगठन को और मजबूत करने के लिए जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान कर दिया है.
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UP BJP District President List: आम चुनाव 2024 के लिए बीजेपी आक्रामक अंदाज में आगे बढ़ रही है. 2024 का चुनाव कम से कम दो मायनों में अहम है अगर बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब होती है तो यह कोई पहली गैर कांग्रेसी सरकार होगी जो तीसरी बार केंद्र की सत्ता पर काबिज होगी. उस मकसद को हासिल करने के लिए बीजेपी का जोर देश के सबसे बड़े सूबों में से एक उत्तर प्रदेश(bjp up mission 2024) पर है. उत्तर प्रदेश के लिए बीजेपी अध्यक्ष ने सभी जिलों के लिए अध्यक्षों के नाम का ऐलान किया है. जिलाध्यक्षों( up bjp district presidents) के चयन में सामाजिक समीकरणों पर खासा ध्यान दिया गया है ताकि जमीनी पर कोई कोर कसर ना रह जाए. इस बार की सूची में कुछ अहम बदलाव है जैसे बड़े महानगरों को दो हिस्सों में बांटा गया है महानगर के लिए अलग अध्यक्ष और शेष जिले के दूसरे नाम का ऐलान है.
इन लोगों को मिली कमान
इस सूची की खास बात यह है कि पहली बार बड़े जिलों में दो अध्यक्ष होंगे. इस तरह के कयास पहले से लगाए जा रहे थे कि बीजेपी इस दफा जिलाध्यक्षों के नाम के ऐलान में कुछ नया प्रयोग करने जा रही है. अगर बात सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर की करें तो गोरखपुर महानगर की कमान राजेश गुप्ता और गोरखपुर जिले की कमान युधिष्ठिर सिंह के हाथ में होगी. वाराणसी महानगर की कमान विद्यासागर राय तो वाराणसी जिले की कमान हंसराज विश्वकर्मा के हाथ में है. प्रयागराज यमुनापार की कमान विनोद प्रजापति तो प्रयागराज गंगापार कविता पटेल और प्रयागराज महानगर की कमान राजेंद्र मिश्रा के हाथ में है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री @Bhupendraupbjp ने प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की...
सभी को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल की शुभकामनाएं...#BJP4UP
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— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) September 15, 2023
2014, 2019 को दोहराने की तैयारी
अगर 2014 के नतीजों को देखें तो बीजेपी ने शानदार कामयाबी हासिल की थी, जब यूपी के नतीजे सामने आए तो राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान रह गए थे. ये बात अलग है कि बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह कहा करते थे कि इस दफा यूपी इतिहास रचने जा रहा है और नतीजों ने उनकी कही बातों पर मुहर लगा दी. 2019 का चुनाव बीजेपी के लिए थोड़ा कठिन साबित हुआ क्योंकि सपा और बसपा के एक दूसरे के साथ आ चुके थे. हालांकि अगर आप नतीजों को देखें तो बीजेपी करीब 80 फीसद सीटों को जीतने में तब भी कामयाब हुई थी.