UP ATS की जांच जारी, जानें कैसे होता था नाबालिग Hindu लड़कियों का Conversion
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UP ATS की जांच जारी, जानें कैसे होता था नाबालिग Hindu लड़कियों का Conversion

Forced conversion row in Uttar Pradesh: सूत्रों के मुताबिक उमर गौतम (Umar Gautam) के घर से बरामद 1000 लोगों के धर्मांतरण (Conversion) के जो कागजात मिले हैं उनमें से 500 से ज्यादा परिवारों की पहचान UP ATS की टीम ने कर ली है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में हो रहे धर्मांतरण की साजिश (UP religious conversion conspiracy) में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. इसी कड़ी में अब यूपी ATS की जांच में वो परिवार सामने आए है जिनका आरोप है कि धर्मातंरण गैंग (Religious conversion gang) के गुर्गों ने नाबालिग हिंदू लड़कियों को बहला फुसला कर या किसी तरह का लालच देकर उन्हें गायब कर दिया. पीड़ित परिवारों का ये भी कहना है कि लड़कियों के बालिग होते ही निकाह कराने के साथ उनका जबरन धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) करा दिया जाता था. 

लोकल पुलिस की लापरवाही?

इन परिवारों का आरोप है कि हिंदू बेटियों को इसी तरह मुस्लिम बनाया जाता था. UP ATS को अब तक कि जांच में 5 से 6 शिकायतें मिली हैं. पीड़ित परिवारों ने ये भी कहा कि स्थानीय पुलिस ने उनकी शिकायत को शुरुआत में नजरअंदाज किया गया था. जांच के नाम पर खानापूर्ति हुई और इसी वजह से बेटियां उनके हाथ से निकल गईं.

सलाउद्दीन के बाद बाकी फंड मैनेजरों का तलाश जारी

सूत्रों की माने तो गुजरात मे सलाउद्दीन (Salauddin) की गिरफ्तारी के बाद एक और शक्स का नाम सामने आया है जो उमर गौतम (Umar Gautam) और उसकी संस्था इस्लामिक दवाह सेंटर (Islamic Dawah Center) को हवाला के जरिये पैसे देता था. मामले की जांच प्रभावित ना इसलिए ATS टीम उसके नाम का खुलासा करने से बच रही है.

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वहीं ATS उमर गौतम के 5 से 6 साथियों की तलाश में है. जो धर्मांतरण जिहाद में सीधे तौर पर उमर गौतम और उसकी संस्था से जुड़े थे.

Deaf Society को बनाया धर्मांतरण का अड्डा

नोएडा डेफ सोसाइटी (Noida Deaf Society) हो या दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस स्थित डेफ सोसाइटी (Bhikaji Cama Place Deaf Society), इसके अलावा गुरुग्राम (Gurugram)  और फरीदाबाद (Faridabaad) की डेफ सोसाइटी में भी खुलेआम धर्मांतरण का रैकेट चलता था.

सूत्रों के मुताबिक डेफ सोसाइटी में पढ़ने वाला मूक बधिर छात्रों का 6 महीने या फिर एक साल में सम्मेलन कराया जाता था. सम्मेलन के बाद बाकायदा बैच बनाकर नए मुस्लिम बने इन लोगों की गेट टू गेदर पार्टी भी होती थी.

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