लखनऊ के कलेक्टर ने कहा कि परिजन अगर चाहते हैं कि मामले की CBI जांच हो तो सरकार उसके लिए तैयार है.
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लखनऊ: विवेक तिवारी हत्याकांड को लेकर लखनऊ के जिलाधिकारी ने कहा कि परिजनों की सभी मांगे मान ली गई हैं. सरकार ने विवेक तिवारी के परिवार को मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये दिया है. इसके अलावा उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी मिलेगी. अगले तीस दिनों के भीतर मामले की तह तक जांच कर ली जाएगी. परिजन अगर चाहते हैं कि मामले की CBI जांच हो तो सरकार उसके लिए भी तैयार है.
बता दें, इस घटना के बाद विवेक के भाई ने कहा कि हमारी सरकार से तीन मांगे हैं. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन हो, उनकी पत्नी के लिए नौकरी और उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाए. साथ ही हम चाहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ यहां आएं. अगर वे नहीं आते हैं, तो हम विवेक के शव को लेकर मुख्यमंत्री आवास जाएंगे. परिजनों की आखिरी मांगों को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है कि सीएम योगी उनके घर पहुंच रहे हैं या नहीं.
इस घटना को लेकर सीएम योगी ने साफ-साफ कहा कि ये कोई एनकांउटर नहीं था. इस घटना की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो मामले की सीबीआई जांच के आदेश भी दिए जाएंगे. विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों ने मुआवजे के तौर पर एक करोड़ रुपये और पुलिस विभाग में एक नौकरी की मांग की थी.
विवेक तिवारी सुल्तानपुर जिले के रहने वाले थे. वे अपने परिवार के साथ लखनऊ में रह रहे थे. लखनऊ में वे एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. शुक्रवार रात को मकदूमपुर पुलिस चौकी के पास कार सवार विवेक को एक पुलिसकर्मी ने गोली मार दी. इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि कार को रोकने का इशारा किया था, लेकिन कार नहीं रुकी और पुलिकर्मियों पर चढ़ाने की कोशिश की गई.
हालांकि, उनके साथ कार में बैठी महिला ने कहा कि हमलोग कार में जा रहे थे. कार चल रही थी, रुकी हुई नहीं थी. अचानक गलत दिशा से पुलिस आई और हमलोगों पर चिल्लाने लगी. पुलिस द्वारा हमलोगों पर चिल्लाने का कोई मतलब नहीं बनता है. बता दें, इस महिला की मौजूदगी में ही विवेक तिवारी पर फायरिंग की गई, जिसमें उनकी मौत हो गई.