'कोरोनिल' पर उपजे विवाद के बाद आचार्य बालकृष्ण का फेसबुक पोस्ट, लिखी ये बात
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'कोरोनिल' पर उपजे विवाद के बाद आचार्य बालकृष्ण का फेसबुक पोस्ट, लिखी ये बात

आचार्य बालकृष्ण ने covid-19 लिखी हुई कई दवाइयों की फोटो साझा कर पूछा कि इन दवाइयों के क्लीनिकल ट्रायल की क्या स्थिति है?

फाइल फोटो.

हरिद्वार: 'कोरोनिल' को कोरोना की दवा बताने पर उपजे विवाद के बाद पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट लिखा है. उन्होंने तंज कसते हुए विरोधियों पर पलटवार किया है. आचार्य बालकृष्ण ने covid-19 लिखी हुई कई दवाइयों की फोटो साझा कर पूछा है कि इन दवाइयों के क्लीनिकल ट्रायल की क्या स्थिति है? इन दवाओं पर आयुष मंत्रालय, भारत सरकार का लोगो लगाने की इजाजत किसने दी है?

बालकृष्ण ने लिखा, ''पतंजलि के सेवा कार्यों और अनुसंधान से पीड़ित सभी आदरणीय षड्यंत्रकारियों से निवेदन है कि इन औषधियों के मूल्य, प्रभाव व अनुसंधान एवं लाइसेंस के विषय में भी चिंता करने की कृपा करें. पता नहीं कैसे, इन वाले ब्रांड एवं दवाइयों को आयुष ने एंडोर्स भी कर दिया और अपनी मोहर और logo भी लगाने की अनुमति दे दी, जरूर कोई बहुत बड़ा क्लिनिकल ट्रायल किया होगा! जो भारत सरकार व आयुष मंत्रालय का logo भी लगाने की स्वीकृति दी गई है और तो और दवाई के नाम में भी कोविड-19 है.

गौरतलब है कि 'कोरोनिल' को कोरोना की दवा बताने पर केंद्र और राज्य सरकार ने बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी को नोटिस जारी किया है. उत्तराखंड सरकार साफ कर चुकी है कि हमने कोरोना की दवाई बनाने का लाइसेंस नहीं दिया था, सिर्फ इम्यूनिटी बूस्टर की परमिशन थी.

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