Aligarh News: अलीगढ़ में चर्चित डॉक्टर आस्था हत्याकांड में अदालत ने तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस मर्डर के मामले ने पूरे अलीगढ़ को हिलाकर रख दिया था.
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अभिषेक माथुर/अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में चर्चित डॉक्टर आस्था हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी पति और भाड़े के दो सहयोगियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और उन पर 1.50-1.50 लाख रुपये का जुर्माना किया है. कोर्ट के इस फैसले पर मृतक आस्था की बहिन आकांक्षा अग्रवाल ने खुशी जाहिर की है और कहा कि आज उनकी बहिन को इंसाफ मिला है.
गौरतलब है कि 13 अक्टूबर 2021 को मेडिकल ऑफिसर डॉ. आस्था अग्रवाल का शव उनके रमेश विहार स्थित घर में फंदे से लटका हुआ मिला था. शव मिलने के बाद उनकी बहन आकांक्षा अग्रवाल और परिवार के लोग मौके पर पहुंचे थे. जहां उन्होंने डॉक्टर आस्था के शव को देखकर कहा कि उनकी बहन की हत्या की गई है और हत्या का आरोपी कोई और नहीं, बल्कि उसका जीजा है. आकांक्षा की ओर से अलीगढ़ के क्वार्सी थाने में डॉ. आस्था के पति अरूण अग्रवाल, देवर अनुज अग्रवाल, जेठ तरुण अग्रवाल व मित्र अर्पित अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.
मृतका की बहन आकांक्षा ने आरोप लगाया था कि उसकी बहन की पति अरुण अग्रवाल पिटाई करता था और उसी ने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले पिटाई की और उसके बाद हत्या कर शव को फंदे से लटका दिया.
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मामला एडीजे प्रथम संजीव कुमार सिंह की अदालत में पहुंचा. जहां अदालत ने मृतका के बेटे के बयानों के आधार पर देवर अनुज अग्रवाल व मित्र अर्पित अग्रवाल के नाम को हटा दिया और अरूण-आस्था के कासिमपुर स्थित ऑक्सीजन प्लांट के नौकर विकास चौहान व दो अन्य भाड़े के आरोपी पवन, अशोक उर्फ टशन निवासीगण जवां के नाम को शामिल कर लिया.
न्यायालय में सत्र परीक्षण के दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर कोर्ट ने जेठ तरूण व नौकर विकास को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया, जबकि पति अरूण, भाड़े पर लाए गए पवन व अशोक को हत्या व साजिश का दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई और डेढ़-डेढ़ लाख रूपये का जुर्माना भी किया है.
मृतक डॉक्टर आस्था की बहिन आकांक्षा ने कहा कि आज जो कोर्ट का फैसला आया है, ये बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला है. वह इस फैसले से पूरी तरह से संतुष्ट हैं. क्योंकि उनकी बहिन के हत्या पति अरूण अग्रवाल व उसके साथी पवन और अशोक को उम्रकैद की सजा हुई है. इससे उनकी बहिन की आत्मा को न सिर्फ शांति मिली है, बल्कि इंसाफ भी मिला है. आकांक्षा ने कहा कि इस हत्या में जेठ तरूण अग्रवाल और विकास झूठे साक्ष्यों के आधार पर बरी हुए हैं, इसके लिए वह एक बार फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी.
वहीं, एडीजीसी अमर सिंह तौमर ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम संजीव कुमार द्वारा डॉ. आस्था अग्रवाल के केस में आरोपी पति अरूण अग्रवाल और साथी अशोक व पवन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. साथ ही उन पर जुर्माना भी किया गया है. इसमें पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट आई थी, जिसमें गवाहों और बयानों के आधार पर तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.