सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरणविदों की याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते मंगलवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि ऑल वेदर रोड के निर्माण में सड़क परिवहन मंत्रालय के 2018 के सर्कुलर को ही लागू किया जाए.
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देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी 'ऑल वेदर रोड' परियोजना पर काम चल रहा है. इस परियोजना के तहत उत्तराखंड स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिए ऐसे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराया जा रहा है, जो ठंडी, गर्मी और बरसात तीनों सीजन में खुला रहेगा. 'ऑल वेदर रोड' प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई भी करनी पड़ी है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सड़क निर्माण के दौरान पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए पौधरोपण कराने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पौधरोपण कराने का निर्देश दिया
इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण हो रहा है. अब तक 400 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण का काम पूरा किया जा चुका है. एक अनुमान के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के दौरान अब तक 25 हजार पेड़ों की कटाई हो चुकी है. इससे पर्यावरणविद नाराज हैं और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरणविदों की याचिका पर सुनवाई करते हुए बीते मंगलवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि ऑल वेदर रोड के निर्माण में सड़क परिवहन मंत्रालय के 2018 के सर्कुलर को ही लागू किया जाए.
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केंद्र की 2 मीटर चौड़ाई बढ़ाने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने तर्क दिया कि ऑल वेदर रोड परियोजना के अंतर्गत चीन से जुड़े सीमा क्षेत्र तक भी सड़क पहुंचनी है. ऐसे में सेना के वाहन भी इस सड़क से होकर गुजरेंगे, इसलिए चौड़ाई 5 मीटर से बढ़ाकर 7 मीटर रखने कि मंजूरी दी जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2018 के सर्कुलर के मुताबिक चलें. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में इस परियोजना की शुरुआत की थी. कुल 11,700 करोड़ रुपए की इस परियोजना के जरिए उत्तराखंड स्थित चारों धामों को 12 महीने कनेक्टिविटी वाली सड़क से जोड़ा जाना है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड में सियासत का दौर शुरू
पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड में सियासत शुरू हो गई है. केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक मनोज रावत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग लगातार इस बात को उठा रहे थे कि आखिर सड़क की इतनी चौड़ाई की क्या जरूरत है? इसके कारण जो पर्यावरणीय क्षति हुई है उसकी भरपाई कैसे हो पाएगी. कांग्रेस विधायक की मानें तो ऑल वेदर रोड के निर्माण के चलते अब कई जगह डेंजर जोन बन चुके हैं. वहीं दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि पहले भी नियमानुसार ही ऑल वेदर रोड का काम चल रहा था, अब जो दिशानिर्देश कोर्ट की तरफ से मिले हैं उसी हिसाब से काम होगा. इस मुद्दे पर कांग्रेस सियासत कर रही है.
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