रविवार के दिन छुट्टी होने के बाद भी अदालत इस मामले में सुनवाई करेगी.
Trending Photos
लखनऊ: लखनऊ ( Lucknow) जिला प्रशासन द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर (posters) लगाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने स्वत: संज्ञान लिया है.
हाई कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ और डीएम लखनऊ को तलब किया है. अदालत ने इनसे पूछा है कि किस कानून के तहत पोस्टर लगाए गए हैं. कोर्ट ने कहा की पोस्टर में इस बात का जिक्र कहीं नहीं है कि किस कानून के तहत ये पोस्टर लगाए गए हैं.
रविवार के दिन छुट्टी होने के बाद भी अदालत इस मामले में सुनवाई करेगी. चीफ़ जस्टिस गोविंद माथुर औऱ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच मामले की सुनवाई करेगी.
बता दें लखनऊ जिला प्रशासन ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उनके नाम और पता फोटो के साथ होर्डिग्स पर लगा दिए हैं.
अभी तक 57 लोगों की कथित तौर पर पहचान की गई है. पिछले वर्ष दिसंबर माह में राज्य की राजधानी में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में कथित रूप से शामिल रहे 57 लोगों के नाम और पते के साथ शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर होर्डिग्स लगाई गई हैं.
ये सभी लोग राज्य की राजधानी लखनऊ के हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हैं. प्रशासन ने पहले ही 1.55 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए इन सभी लोगों को वसूली के लिए नोटिस जारी किया है.