महेश शर्मा मामले में एक और महिला की हुई गिरफ्तारी, ब्लैकमेलिंग में साथ देने का है आरोप
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महेश शर्मा मामले में एक और महिला की हुई गिरफ्तारी, ब्लैकमेलिंग में साथ देने का है आरोप

केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा को ब्लैकमेल करने के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने नोएडा से एक जानी मानी उषा ठाकुर को गिरफ्तार किया है.

मामले में एक महिला पत्रकार समेत एक की गिरफ्तारी हो चुकी है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा को ब्लैकमेल करने के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने नोएडा से एक और गिरफ्तारी की है. ये गिरफ्तारी हुई है उषा ठाकुर की, जो कि एक जानी मानी समाज सेविका है. उषा ठाकुर पर आरोप था कि उन्होंने ही आलोक कुमार को महेश शर्मा से मिलवाया था.

आपको बता दें कि, पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी आलोक कुमार को एक महिला पत्रकार के साथ गिरफ्तार कर लिया था. अब इस मामले में उषा ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद मामला काफी ज्यादा बढ़ गया है. माना जा रहा है कि उषा ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद कई और बड़े नाम इस मामले में सामने आ सकते है. 

दो करोड़ रुपये मांगने का था आरोप
इस से पूर्व महेश शर्मा को ब्लैकमेल करने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित आलोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. 22 अप्रैल को उसने पूर्व पत्रकार नीशू के जरिये पत्र भेज कर दो करोड़ रुपये की मांग की थी. मामले का पर्दाफाश होने पर वह पुलिस से बचने के लिए कोलकाता भाग गया था. यहां पर वह कोतवाली न्यू मार्केट क्षेत्र में स्थित होटल रीकल में अपनी सहयोगी निशा के साथ छिप कर रह रहा था. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है.

2 आरोपियों की कोलकाता से हुई थी गिरफ्तारी
दोनों को कोलकाता के न्यायालय मेटोपोलिटेन मजिस्ट्रेट के यहां पेश कर 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर नोएडा लाया गया. ट्रांजिट रिमांड पूरी होने के कारण पुलिस को पूछताछ का ज्यादा समय नहीं मिल पाया है. रविवार को पुलिस ने दोनों को जिला न्यायालय में पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

आलोक कुमार ने की थी ब्लैकमेलिंग की कोशिश
पुलिस के अनुसार, केंद्रीय मंत्री को ब्लैकमेल करने की कोशिश के पीछे आलोक कुमार का ही दिमाग था. वह प्रतिनिधि चैनल का मालिक भी है. ये चैनल नोटबंदी के दौरान बंद हो चुका है. निशा भी पूर्व में पत्रकार रह चुकी है और उसी के चैनल में काम करती थी.

लोकसभा चुनाव के दौरान मदद करने का दिया था भरोसा
केंद्रीय मंत्री को आलोक ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार में संसाधनों के जरिये मदद देने का भरोसा दिया था. उनसे मिलने के दौरान हुई बातचीत को उसने हिडेन कैमरे में कैद कर लिया था. एक जगह केंद्रीय मंत्री उससे कोड वर्ड में बोलने के लिए कहते हैं. इसी को उसने ब्लैकमेल करने का हथियार बना लिया था.

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