बुधवार को बाबा रामदेव एक बार फिर मथुरा के रमणरेती आश्रम पहुंच कर हाथी पर सवार हुए. उन्होंने फिर एक बार हाथी पर बैठ कर योग किया. हाथी भी बिना उन्हें परेशान किए घुमाता रहा.
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मथुरा: बुधवार को बाबा रामदेव एक बार फिर मथुरा के रमणरेती आश्रम पहुंच कर हाथी पर सवार हुए. उन्होंने फिर एक बार हाथी पर बैठ कर योग किया. हाथी भी बिना उन्हें परेशान किए घुमाता रहा. इस बार बाबा रामदेव गज पर योग करने में कामयाब हो ही गए.
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कुछ दिन पहले हाथी से गिर गए थे योग गुरू
बीते 13 अक्टूबर को भी बाबा रामदेव रमणरेती आश्रम गए थे. वह कुछ नया करना चाहते थे और इसके चलते उन्होंने हाथी पर बैठकर भ्रामरी प्राणायाम करना शुरू कर दिया. बाबा ध्यान में मग्न थे जब हाथी ने कान हिलाना और हिलना-डुलना शुरू कर दिया. इस वजह से योग कर रहे बाबा रामदेव असुंतलित हो कर धड़ाम से गिर गए.
इस बार सतर्क रहे रामदेव
इस बार ऐसे किसी भी हादसे के लिए बाबा रामदेव सतर्क थे. यही नहीं, वह जूते पहनकर हाथी पर सवार हुए, जिससे अगर उन्हें कूदना पड़े तो पांव बचे रहें. साथ ही, उन्होंने हाथी पर पालथी मार कर बैठना भी सही नहीं समझा. वह दोनों पांव अलग दिशा में करके बैठे और भ्रामरी प्राणायाम न कर बस अनुलोम-विलोम किया.
राम कथा के लिए रमणरेती आश्रम पहुंचे थे
बाबा रामदेव संत मोरारी बापू की राम कथा में रमणरेती आश्रम पहुंचे थे, जहां उन्होंने मंच पर भी योग किया. कथा के पहले उन्होंने कई योगासन कर के दिखाए. इस दौरान बाबा रामदेव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि संत मुरारी बापू का नाम हमेशा रामकथा से पहचाना जाएगा.
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