UP: आगरा-मथुरा में इनकम टैक्स जमा नहीं करने वाले 100 से अधिक लोगों के बैंक खाते अटैच
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand653869

UP: आगरा-मथुरा में इनकम टैक्स जमा नहीं करने वाले 100 से अधिक लोगों के बैंक खाते अटैच

आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए मथुरा और आगरा में करीब 100 से अधिक करदाताओं के बैंक अकाउंट अटैच कर लिए हैं. ये सभी करदाता ऐसे हैं जिन्होंने आयकर विभाग के नोटिस का जवाब नहीं दिया था.

सांकेतिक तस्वीर.

मथुरा: आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए मथुरा और आगरा में करीब 100 से अधिक करदाताओं के बैंक अकाउंट अटैच कर लिए हैं. ये सभी करदाता ऐसे हैं जिन्होंने आयकर विभाग के नोटिस का जवाब नहीं दिया था. आयकर विभाग ने इन करदाताओं को चेतावनी दी है कि भेजी गई डिमांड जल्द नहीं भरी गई तो इनकी प्रॉपर्टी सीज कर ली जाएगी और जरूरत पड़ने पर एफआईआर भी दर्ज की जाएगी. 

  1. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुताबिक आगरा-म​थुरा रेंज में करोड़ों रुपये का आयकर बकाया है.
  2. मथुरा और आगरा में करीब 100 से अधिक करदाताओं के बैंक अकाउंट अटैच किए गए हैं.
  3. आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत स्क्रूटनी के केस चयनित किए जाते हैं.

आपको बता दें कि इस रेंज में करीब 133690 आयकरदाता हैं. इन पर 185 करोड़ रुपए का आयकर बकाया है. मथुरा रेंज के आईटीओ (इनकम टैक्ट ऑफिसर) बीबी शर्मा ने बताया कि मथुरा में 5 वार्ड हैं और बकायदारों से बसूली का अभियान जारी है. जिन बकायदारों ने डिमांड नोटिस भेजने के बाद भी आयकर जमा नहीं किया उनके खाते अटैच किये गए हैं.

ये भी पढ़ें: स्मार्ट सिटी रैंकिंग में UP के तीन शहर टॉप 10 में शामिल, आगरा नंबर 1, वाराणसी को मिला 7वां स्‍थान

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुताबिक आगरा-म​थुरा रेंज में करोड़ों रुपये का आयकर बकाया है. आयकर अधिकारियों ने विभाग की डिमांड की रिकवरी के लिए आयकरदाताओं को लगातार नोटिस भेजे हैं. इसकी अनदेखी करने वालों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए हैं. अब दबाव बनाने के लिए खाते भी अटैच किए हैं.

आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत स्क्रूटनी के केस चयनित किए जाते हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड बैंक, पोस्ट ऑफिस, रजिस्ट्री ऑफिस और आरटीओ ऑफिस से डेटा लिया जाता है. दस लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करने वाले आयकर विभाग के रडार पर आ जाते हैं.

ये भी पढ़ें: UP: लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे की जांच में आई तेजी, EOW ने 10 जिलों के DM से मांगे दस्तावेज

चयनित डेटा को वार्ड के आयकर अधिकारियों को केस री-ओपन करने के लिए दिया जाता है. नोटिस जारी कर डिमांड जारी की जाती है. संतोष जनक जवाब न मिलने पर संदिग्ध लेनदेन करने वालों को अंतिम नोटिस जारी कर एक माह का समय दिया जाता है। पैसा जमा न करने पर बैंक खाते अटैच किए जाते हैं.

WATCH LIVE TV

Trending news