अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के बीच अलग अलग बैंकों ने आरबीआई में 500 और 1000 के पुराने नोट जमा करवाने के दौरान बड़ी हेराफेरी की है. आरबीआई की करेंसी चेस्ट में 500 रुपए के 9753 नोट और 1000 के 5783 नोट जाली मिले हैं.
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विशाल सिंह रघुवंशी/ लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में नोटबंदी के बाद अलग-अलग बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ही चूना लगा दिया. साल 2017 से 2018 के बीच में नोटबंदी के बाद अलग-अलग बैंकों ने आरबीआई में एक करोड़ के नकली नोट जमा करवाए हैं. आरबीआई की करेंसी में 500 रुपए के 9753 और 1000 के 5783 जाली नोट मिले हैं. आरबीआई की तरफ से महानगर थाने में केस दर्ज कराया गया है.
लखनऊ के महानगर थाने में जाली नोट को लेकर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने मुकदमा दर्ज कराया है कि उनके करेंसी चेस्ट में अलग-अलग बैंकों से 2017 से 2018 के बीच में करोड़ों रुपये जमा कराये गये. अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के बीच में जमा किये गये नोटों में एक करोड़ पांच लाख रुपये जाली मिले हैं. इस पूरे मामले को लेकर पुलिस ने फोरेंसिस टीम से नोटों की जांच में मदद भी मांगी है.
कैसे होती है असली नोट की पहचान
बैंक के एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि 500 के नोट का साइज 63 मिमी गुणा 150 मिमी है और यह स्टोन ग्रे कलर में होता है. स्वच्छ भारत अभियान का लोगो लगा हुआ है. थोड़ा मोड़ने पर इसमें लिखा नोट का मूल्य दिखाई देगा जबकि नकली नोट में ये मार्क नहीं दिखाई देगा. 2000 के नोट का बेस कलर मैजेंटा है और नोट के फ्रंट पर महात्मा गांधी और पीछे की तरफ मंगलयान की तस्वीर लगी है. 2000 के नोट को हल्का से मोड़ने पर थ्रेड का कलर हरे से बदलकर नीला हो जाता है. सिक्योरिटी थ्रेड पर भारत, आरबीआई और 2000 लिखा हुआ होता है.
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