काशी के पास मिला 4000 वर्ष पुराना शिवलिंग, जानिए कैसे हुई खोज
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काशी के पास मिला 4000 वर्ष पुराना शिवलिंग, जानिए कैसे हुई खोज

वाराणसी हेरिटेज प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत पंचकोस परिक्रमा के लिए आस-पास के क्षेत्रों में सर्वे का काम शुरू किया गया. सर्वे के दौरान बभानियाव गांव में कई सौ साल पुराने अवशेष मिले. 

वाराणसी के पास बभनियाव गांव में मिला 4000 वर्ष पुराना शिवलिंग और मूर्तियां.

नवीन पांडे/वाराणसी: वाराणसी के पास बभानियाव गांव में खुदाई के दौरान 4000 साल पुराने शिवलिंग के मिलने के बाद खुदाई स्थल देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लग गया. यह प्राचीन शिवलिंग तब मिला जब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय यानी BHU के प्राचीन इतिहास विभाग की एक टीम शहर से 18 किलोमीटर दूर बभनियाव गांव में पुरातात्विक खुदाई में जुटी थी. 

3500 साल पहले बसा था प्राचीन 'शिल्पग्राम' 
BHU के प्रोफेसर ने खुदाई के दौरान प्राचीन 'शिल्प ग्राम' होने की संभावना जताई. यह गांव 3500 वर्ष पुराना बताया जा रहा है. BHU  के प्रोफेसरों ने यह दावा बभनियाव गांव में सर्वे के बाद मिले ताम्र पाषाण काल के मिट्टी के बर्तनों और कुषाण काल की ब्राह्मी स्क्रिप्ट के मिलने के बाद किया है.

गुप्त काल का है 4000 वर्ष पुराना शिवलिंग 
दरअसल, वाराणसी हेरिटेज प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत पंचकोस परिक्रमा के लिए आस-पास के क्षेत्रों में सर्वे का काम शुरू किया गया. सर्वे के दौरान बभानियाव गांव में कई सौ साल पुराने अवशेष मिले. बीएचयू के पुरातत्व विभाग ने खुदाई शुरू की तो 4000 वर्ष पुराना गुप्त कालीन शिवलिंग मिला. BHU के प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर मानते हैं यह स्थान गुप्त काल के दौरान लोगों का उपासना स्थल रहा होगा.

3500 वर्ष पुराने बर्तन भी मिले
खुदाई में मिट्टी के बर्तन और कई तरह की मूर्तियां मिलीं. इन मूर्तियों पर ब्राह्मी स्क्रिप्ट भी पाई गई. मिट्टी के ब्लैक एंड रेड वेयर बर्तन भी मिले हैं. इन बर्तनों का बाहरी हिस्सा काला और अंदरूनी हिस्सा लाल है. बीएचयू के इतिहासकारों का कहना है कि ऐसे बर्तन ताम्र पाषाण काल में यानी आज से 1500 ईसापूर्व (3500 वर्ष पहले) बनते थे. आपको बता दें कि बीएचयू के प्राचीन इतिहास और पुरातत्व विभाग की टीम बीते 26 फरवरी से बभनियाव गांव में खुदाई और सर्वेक्षण का काम कर रही है.

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