बीएचयू की प्रोफेसर डॉ. गीता ने कोविड-19 टेस्ट के लिए 15-20 लाख रुपये की पीसीआर मशीन के बजाय दो-तीन लाख रुपये तक की सस्ती मशीन ईजाद की है. डॉक्टर गीता के मुताबिक उनकी इस तकनीक को किट की शक्ल देने के लिए एक इंडस्ट्रियल पार्टनर की जरूरत पड़ेगी.
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नवीन पाण्डेय/वाराणसी: दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के भयावह रूप लेने के बीच बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से भारत के लिए एक अच्छी खबर आ रही है. बीएचयू के 'डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स' ने कोविड-19 जांच की नई तकनीक ईजाद करने का दावा किया है. बीएचयू के 'डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स' का दावा है कि इस तकनीक के जरिए 4 से 6 घंटे के अंदर कोविड-19 मरीज की जांच रिपोर्ट आ जाएगी.
बीएचयू का दावा है कि उनके यहां विकसित की गई कोविड-19 की जांच तकनीक वर्तमान में की जा रही जांच के मुकाबले बेहद किफायती होगी. इस तकनीक के जरिए कम समय में ज्यादा लोगों की जांच हो सकेगी. बीएचयू के 'डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स' ने इस तकनीक को पेटेंट कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.
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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को भी बीएचयू की ओर से कोविड-19 टेस्ट के लिए विकसित की गई अपनी इस नई तकनीक से अवगत करा दिया गया है. कोविड-19 टेस्ट के लिए इस नई तकनीक का खोज बीएचयू के 'डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स' की प्रोफेसर डॉ. गीता ने किया है. उनके मुताबिक यह जांच तकनीक वायरल स्ट्रेन में एक अनोखे प्रोटीन सीक्वेंस को टारगेट करती है, जो सिर्फ कोविड-19 पेशेंट में ही मौजूद होता है.
गौरतलब है कि वर्तमान में कोविड-19 संदिग्धों के सैंपल की जांच में काफी समय लग जा रहा है. बीएचयू की प्रोफेसर डॉ. गीता ने कोविड-19 टेस्ट के लिए 15-20 लाख रुपये की पीसीआर मशीन के बजाय दो-तीन लाख रुपये तक की सस्ती मशीन ईजाद की है. डॉक्टर गीता के मुताबिक उनकी इस तकनीक को किट की शक्ल देने के लिए एक इंडस्ट्रियल पार्टनर की जरूरत पड़ेगी.
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