बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी पहुंचे जोशीमठ, केरल से लौटने के बाद थे सेल्फ क्वॉरंटीन
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बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी पहुंचे जोशीमठ, केरल से लौटने के बाद थे सेल्फ क्वॉरंटीन

  बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी (Rawal Ishwari Nambudiri) 14 दिन का क्वॉरंटाइन टाइम पूरा करने के बाद 19 दिन बाद ऋषिकेश से जोशीमठ पहुंचे. उनके जोशीमठ पहुंचने से पुजारी खुश हैं.

फाइल फोटो

पुष्कर चौधरी/चमोली:  बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी (Rawal Ishwari Nambudiri) 14 दिन का क्वॉरंटाइन टाइम पूरा करने के बाद 19 दिन बाद ऋषिकेश से जोशीमठ पहुंचे. उनके जोशीमठ पहुंचने से पुजारी खुश हैं. अब बद्री विशाल के कपाट खुलने पर वह पूजा-अर्चना करेंगे.
दरअसल, बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल केरल से ऋषिकेश पहुंचे थे जिसके बाद उन्हें कोरोना और लॉकडाउन के चलते ऋषिकेश में ही क्वॉरेंटाइन किया गया. इसी वजह से भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने की तारीख को भी इस बार महाराज टिहरी के द्वारा बदला गया. अब 15 मई को भगवान बद्री विशाल के कपाट खोले जाएंगे. पहले 30 अप्रैल की तारीख तय की गई थी.

बद्रीनाथ के धर्माधिकारी भुवन उनियाल (Bhuvan Uniyal) ने बताया कि मुख्य पुजारी रावल के बिना भगवान बद्री विशाल के कपाट खोलने असंभव हैं यहां की पौराणिक पद्धति बिल्कुल अन्य धामों से हटकर है,  यहां मुख्य पुजारी ही भगवान बद्री विशाल के मूर्ति को स्पर्श कर सकता है.

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धर्माधिकारी ने बताया कि मंदिर के कपाट खोलते हुए मां लक्ष्मी की मूर्ति को भगवान बद्री विशाल (Badri Vishal) से अलग किया जाता है, जो मुख्य पुजारी रावल करते हैं  उनकी मौजूदगी कपाट खोलने और बद्रीनाथ की पूजा पद्धति में बहुत जरूरी होती है. यही कारण है मुख्य पुजारी रावल के पहुंचने तक भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने की तिथि इस बार आगे की गई है.

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