मेरठ से प्रारम्भ होकर प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य तेजी से चल रहा है. योगी सरकार इस एक्सप्रेस-वे का ज्यादातर भौगोलिक कार्य 2022 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पूरा करना चाहती है.
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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए मिशन मोड में काम करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सबसे लंबे (594 किलोमीटर) इस एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट का जून 2021 में शिलान्यास होगा, इसलिए अगले 6 महीने में 90 फीसद भूमि का अधिग्रहण हो जाना चाहिए. चर्चा है कि मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रखी जाएगी. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 39,298 करोड़ रुपए है, जिसमें 9,255 करोड़ जमीन अधिग्रहण में खर्च होंगे.
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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की दो खंडपीठ है. एक प्रयागराज में और दूसरी राजधानी लखनऊ में. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को न्यायिक कार्यों के लिए काफी दूरी तय कर प्रयागराज और लखनऊ जाना पड़ता है. यात्रा के लिए सड़क मार्ग काफी सुविधाजनक नहीं है और ट्रेन का सफर कठिन साबित होता है. इसलिए काफी लंबे समय से इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक बेंच वेस्ट यूपी में भी स्थापित करने की मांग जनता करती रही है. फिलहाल हाई कोर्ट की बेंच तो पश्चिमी यूपी को नहीं मिली है, लेकिन गंगा एक्सप्रेस-वे की सौगात जरूर मिलने जा रही है.
वेस्ट यूपी से प्रयागराज और लखनऊ जाना आसान होगा
इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से वेस्ट यूपी की प्रयागराज और लखनऊ से कनेक्टिविटी काफी बेहतर हो जाएगी. सड़क मार्क से यात्रा पहले की तरह कठिन नहीं होगी. मेरठ से प्रारम्भ होकर प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है. इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य तेजी से चल रहा है. योगी सरकार इस एक्सप्रेस-वे का ज्यादातर भौगोलिक कार्य 2022 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पूरा करना चाहती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्रोजेक्ट पर खुद नजर बनाए हुए हैं.
यूपी के 13 जिलों से होकर गुजरेगा गंगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदांयू, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से गुजरते हुए प्रयागराज में जाकर समाप्त होगा. यह 6 लेन चैड़ा (8 लेन में विस्तारणीय) होगा. एक्सप्रेस-वे का इंफ्रास्ट्रक्चर 8 लेन चैड़ाई का बनाया जाएगा. इसके राइट ऑफ वे (ROW) की चैड़ाई 120 मी. प्रस्तावित है, एक्सप्रेसवे के एक ओर 3.75 मी. चैड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जाएगी, जिससे परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके.
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पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर होगा निर्माण
यूपीडा (U.P. Expressways Industrial Development Authority) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक गंगा एक्सप्रेस-वे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर बनाया जाएगा. प्रोजेक्ट का पहला चरण मेरठ-बुलंदशहर एनएच-334 के बिजौली गांव से शुरू होना है. एनएच-9 के पास सिखेड़ा गांव (पिलखुवा के पास) में प्रवेश मार्ग बनाया जाएगा. इससे हापुड़, एनएच-9 के वाहन प्रवेश करेंगे. प्रोजेक्टर के लिए योगी सरकार ने हुडको और चार सरकारी बैंकों से 18,250 करोड़ का लोन लिया है. अब यूपीडा के निदेशक मंडल ने प्रोजेक्ट के लिए निजी बैंकों से लोन लेने का फैसला लिया है.
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