संविधान दिवस पर उत्तराखंड की राज्यपाल बोलीं, 'पवित्र और पूजनीय दिवस है 26 नवंबर'
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संविधान दिवस पर उत्तराखंड की राज्यपाल बोलीं, 'पवित्र और पूजनीय दिवस है 26 नवंबर'

राज्यपाल ने बताया कि संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि संविधान सिर्फ वकीलों का दस्तावेज नहीं, बल्कि जीवन-साधना है और इसकी भावना, युग की भावना है.

राज्यपाल ने कहा कि 70 वर्षों से भारतीय संविधान ने बार-बार अपनी श्रेष्ठता एवं अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है.

देहरादून: संविधान दिवस(Constitution Day) के मौके पर उत्तराखंड(Uttarakhand) की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने संविधान को भारतीय लोकतंत्र की आत्मा और समस्त शक्तियों का स्त्रोत बताया. राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमारा संविधान जाति, वर्ग, धर्म और लिंग, हर भेद से परे सभी को अवसर एवं जीवन की समानता का अधिकार देता है.

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 26 नवंबर यानि संविधान दिवस को भी 15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह देश के जनमानस के लिये पवित्र और पूजनीय दिवस बताया. राज्यपाल ने कहा कि 70 वर्षों से भारतीय संविधान ने बार-बार अपनी श्रेष्ठता एवं अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है. भारतीय संविधान में हमारे संविधान निर्माताओं की दूर-दृष्टि का समावेश है. राज्यपाल ने बताया कि संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि संविधान सिर्फ वकीलों का दस्तावेज नहीं, बल्कि जीवन-साधना है और इसकी भावना, युग की भावना है.

संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कहा कि संविधान हमें मूल अधिकारों के साथ-साथ हमारे मूल कर्तव्यों की शिक्षा भी देता है. भारत वर्ष की एकता अखण्डता सुनिश्चित करने तथा इसे विश्व गुरू की पदवी पर आसीन करने के लिये, हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ मूल कर्तव्यों के प्रति भी सचेत रहना होगा. सभी मूल कर्तव्यों का पालन करना भारत के समस्त नागरिकों का सर्वोच्च धर्म होना चाहिए. इस दौरान राज्यपाल ने बताया कि समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास और बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना भी हमारे मूल कर्तव्य में शामिल है.

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