ऐसे लोगों से कोरोना फैलने का ज्यादा खतरा, बचाव के लिए इन चीजों का रखें ध्यान
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ऐसे लोगों से कोरोना फैलने का ज्यादा खतरा, बचाव के लिए इन चीजों का रखें ध्यान

कई बार ये सुपर स्प्रेडर संक्रमित तो होते हैं, लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते. ऐसे में यह लोग दूसरों के बीच जाते हैं और अपने ड्र्रॉपलेट्स से काफी लोगों तक यह बीमारी पहुंचा देते हैं.

सांकेतिक तस्वीर.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने देश को बुरी तरह से जकड़ा हुआ है. कोरोना वायरस को अभी वैज्ञानिक भी पूरी तरह से नहीं जान पाए हैं, इसलिए इसका इलाज निकालने में हमें इतना समय लग रहा है. हालांकि इसको लेकर रिसर्च लगातार जारी है. अब तक हुई सभी रिसर्च में यह सामने आया है कि कुछ लोग तेजी से कोरोना संक्रमण फैलाते हैं, जिन्हें 'सुपर स्प्रेडर' कहा जाता है. माइक्रोबायोजिस्ट डॉ. पारुल वर्मा का कहना है कि सुपर स्प्रेडर उन्हें कहते हैं जो कोरोना फैलाने का काम करते हैं. कई बार ये सुपर स्प्रेडर संक्रमित तो होते हैं, लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते. ऐसे में यह लोग दूसरों के बीच जाते हैं और अपने ड्र्रॉपलेट्स से काफी लोगों तक यह बीमारी पहुंचा देते हैं.

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ऐसे बढ़ सकता है संक्रमण
रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस से ग्रस्त लोगों के दांत कितने हैं इससे भी संक्रमण का खतरा घट या बढ़ सकता है. लोगों के मुंह में लार की मात्रा और अलग-अलग तरीके से छींकने का तरीका भी यह बताता है कि इनके ड्रॉपलेट्स हवा में कितनी देर रह सकते हैं और कितनी दूर तक जा सकते हैं.

संक्रमण में दांतों का भी है अहम रोल
डॉ. पारुल का यह भी कहना है कि जिनकी नाक साफ नहीं रहती और जिनके दांतों के बीच में गैप होता है, उनसे ज्यादा ड्रॉपलेट्स निकलते हैं और उनसे संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होता है. इसका सीधा मतलब इस बात से है कि हमारे दांत हमारी छींक की तेजी को बढ़ाते हैं. ऐसे में ड्रॉपलेट्स भी ज्यादा दूर तक ट्रेवल कर सकते हैं. इस तरह के लोग 60% ज्यादा खतरनाक ड्रॉपलेट्स पैदा करते हैं.

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छींक और लार से भी होता है कोरोना
रिसर्च में सामने आया है कि छींक के ड्रॉप्लेट्स फैलाने में लार की भी भूमिका होती है. पतली लार के ड्रॉप्लेट्स भी छोटे होते हैं और ये लंबे समय तक हवा में रह सकते हैं. वहीं, जिनकी लार मध्यम और गाढ़ी (Thick Saliva)होती है, उनके ड्रॉप्लेट्स हवा में कम देर तक रहते हैं और जल्दी ही नीचे गिर जाते हैं. इससे कोरोना स्प्रेड का खतरा कम होता है.

जरूरी है WHO की बात
यह बहुत जरूरी है कि आप सरकार और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा बताए गए नियमों का सही तरीके से पालन करें. जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, खुद को और आस-पास को लोगों को बचाने के लिए इन नियमों का पालन करें.

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क्या एहतियात बरतने को कहते हैं डॉक्टर
1. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें और भीड़-भाड़ वाले एरिया से बचें.
2. WHO की गाइडलाइन्स के मुताबिक COVID-19 के किसी भी नए संकेत और लक्षण के बारे में जानकारी रखें.
3. यदि कोई भी लक्षण (बुखार, खांसी, सांस फूलना, स्वाद की हानि, गंध का नुकसान आदि) महसूस हो तो तुरंत टेस्ट कराएं.
4. अगर  लक्षण बढ़ते दिखाई दें तो मेडिकल मदद लें.
5. अगर आप किसी भी कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो अपनी रिपोर्ट आने तक आइसोलेट रहें.
6. WHO की गाइडलाइन्स के मुताबिक हर थोड़ी देर पर 20 सेकेंड तक साबुन और पानी से हाथ धोएं और  
7. किसी भी सतह को छूने के बाद अल्कोहल वाले सेनेटाइजर से हाथ साफ करें.
8. बाहर निकलते समय या किसी व्यक्ति से बात करते समय मास्क पहनना कभी न भूलें.
9. घर और घर में आए हुए सामान को हमेशा डिसइंफेक्ट करें. (1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सल्यूशन का इस्तेमाल कर सकते हैं तो बेहतर होगा).
10. रोजाना एक्सरसाइज करें और अच्छा खाना खाएं.
11. हमेशा अपनों से बात करें ताकि डिप्रेशन वाले विचारों से दूर रह सकें.
12. अगर हो सके तो अपनी बॉडी का ट्रैक रखने के लिए BP मशीन, पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर रखें.

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