Raebareli News: यूपी के रायबरेली जिले में महज 500 रुपये को लेकर एक युवक ने अपने पिता को ही मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद उसने इसे सामान्य बनाने के लिए ऐसा खेल रचा की पुलिस भी हैरान रह गई.
Trending Photos
सैयद हुसैन अख्तर/रायबरेली: रायबरेली में एक बेटे ने महज पांच सौ रुपये के लिए अपने पिता को ही मौत के घाट उतार दिया। कलयुगी बेटे की करतूत सामने भी न आती अगर पिता ने मौत से पहले अपने ठेकेदार को फोन कर यह न बताया होता कि मेरा बेटा मुझसे पांच सौ रुपये के लिए लड़ रहा है. पुलिस ने पूछताछ के दौरान ठेकेदार के फोन में यह काल रिकॉर्डिंग सुनी तो बेटे को दबोच लिया.
मामला उँचाहार थाना इलाके के धनेही गांव का है. यहां रहने वाला अधेड़ त्रिलोकी यादव ईंट भट्ठे पर काम करता था. उसका 25 वर्षीय बेटा संजय भी उसके साथ ही रहकर ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता है. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के चलते त्रिलोकी की पत्नी बेटे को जन्म देने के बाद ही किसी अन्य के साथ चली गई थी. उधर बेटा बालिग हुआ तो जिस महिला को पत्नी के तौर पर कहीं से लाया था वह भी आर्थिक कारणों से छोड़कर चली गई थी.
पिता से मांगे 500 रुपये न देने पर करने लगा झगड़ा
घर में दोनों बाप बेटे ही अकेले रहते थे और ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते थे. बेटा शराब का भी आदी था. पुलिस के मुताबिक दोनों में पहले से ही अनबन रहती थी. बीती एक जनवरी को दोनों शाम को घर लौटे तो बेटे ने पिता से पांच सौ रुपये की मांग करी. बाप ने पैसा देने से इंकार करते हुए कहा कि तुम खुद कमाते हो तो पैसा मैं क्यों दूं. इस बात पर बेटा लड़ाई झगड़ा करने लगा तो पिता ने अपने ठेकेदार को फोन कर पूरी बताई.
ऐसे पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी
ठेकेदार ने बेटे को फोन पर ही अगले दिन खुद पैसा देने का वायदा कर लिया. ठेकेदार के मोबाइल में यह बातचीत रिकॉर्ड हो गई थी. जिसे जरिये ही बेटा पुलिस की गिरफ्त में आया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि पिता के इस व्यवहार से आक्रोशित होकर ठेकेदार का फोन कटने के बाद पास में ही पड़े लकड़ी के फट्टे से उसके सिर पर वार कर दिया. वार इतना तेज था कि पिता लहुलुहान होकर वहीं गिर गया और उसकी मौत हो गई.
आरोपी ने कबूल किया जुर्म
पिता की मौत के बाद उसने शव को घर के बाहर फेंका और कहीं चला गया. सुबह शव मिलने पर पुलिस ने उसे जानकारी दी तो उसने सामान्य तरीके से लिया. बाद में वह मौके पर पहुंचा तब भी किसी को उस पर शक नहीं हुआ. बाद में जब पुलिस की तहकीकात में ठेकेदार के मोबाइल से काल रिकॉर्डिंग मिली तो बेटे को हिरासत में लिया गया. पुलिस की सख्ती के आगे बेटा संजय यादव टूट गया और उसने जुर्म कुबूल कर लिया.