गैंगस्टर विकास दुबे के फरार भाई दीपू का मकान कुर्क, 82 नोटिस के बाद भी नहीं हुआ हाजिर
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गैंगस्टर विकास दुबे के फरार भाई दीपू का मकान कुर्क, 82 नोटिस के बाद भी नहीं हुआ हाजिर

 पुलिस ने कुछ दिन पहले आरोपित के मकान पर 82 की नोटिस चस्पा की थी. इसके बावजूद भी दीप प्रकाश हाजिर नहीं हुआ. जिसके बाद कोर्ट से अनुमति ले कर उसके मकान की कुर्की की गई है. 

कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे (फाइल फोटो).

लखनऊ: बिकरू कांड के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे के मकान पर कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. लखनऊ के कृष्णानगर पुलिस अधिकारी अपनी टीम के साथ दीप प्रकाश के मकान पर पहुंची और उसको जब्त कर लिया गया. बता दें, आरोपी दीप प्रकाश दुबे पर कृष्णानगर थाने में लोगों को धमका कर कार हड़पने और फर्जी दस्तावेज तैयार कराने का मुकदमा दर्ज है. फिलहाल दीप प्रकाश उर्फ दीपू बिकरू कांड के बाद से फरार चल रहा है और उसपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है.

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दीपू की तलाश लगातार जारी है, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आ रहा. पुलिस ने कुछ दिन पहले आरोपित के मकान पर 82 की नोटिस चस्पा की थी. इसके बावजूद भी दीप प्रकाश हाजिर नहीं हुआ. जिसके बाद कोर्ट से अनुमति ले कर उसके मकान की कुर्की की गई है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने जांच रिपोर्ट में दीप प्रकाश पर जालसाजी समेत अन्य धाराओं में FIR दर्ज करने की सिफारिश की थी.  24 नवंबर को आरोपी दीपू के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया था.

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2017 में विकास दुबे भाई के हथियार के साथ पकड़ा गया था
गौरतलब है कि 2017 में STF ने विकास दुबे को कृष्णा नगर से पकड़ा था. उस समय पाया गया था कि वह अपने भाई दीप प्रकाश दुबे  की लाइसेंसी बंदूक ले कर चलता है. कृष्णा नगर कोतवाली में आर्म्स एक्ट के तहत विकास दुबे का नाम दाखिल भी किया गया था. दीप प्रकाश ने विकास दुबे की जमानत कराई थी और उस समय उसने विकास पर पहले के दर्ज मुकदमों का ब्यौरा छिपा लिया था.  

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2 जुलाई की रात बिकरू गांव में क्या हुआ था?
आपको बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. पुलिस वालों पर यह फायरिंग गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने की थी. इस घटना में तत्कालीन बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि 6 अन्य चोटिल हो गए थे. घटना के बाद विकास दुबे एक हफ्ते तक फरार रहा. उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. वहां से वापस कानपुर लाए जाने के दौरान रास्ते में विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. गैंगस्टर इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से ढेर हो गया था.

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