Uttarkashi News: उत्तरकाशी में बाहरी निवासियों के खिलाफ हिंदू संगठनों की जन आक्रोश रैली के दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई, जिससे 10-15 लोग घायल हो गए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े
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उत्तरकाशी/हेमकांत नौटियाल: चमोली के बाद उत्तरकाशी में भी बाहरी निवासियों के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है. यहां बाहरी निवासियों को लेकर गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हिंदू संगठन की जन आक्रोश रैली के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई, जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए. घटना उस वक्त हुई जब पुलिस ने रैली को भटवाड़ी रोड के पास बैरिकेड लगाकर रोकने की कोशिश की. इसके बाद तनाव बढ़ गया और हाथापाई शुरू हो गई.
जानकारी के अनुसार, पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. इस दौरान लगभग 12 से 15 हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबर है, जबकि कुछ पुलिसकर्मी भी इस झड़प में जख्मी हुए हैं.
कैसे हुई पुलिस से झड़प
हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देते, वे वहीं धरने पर बैठे रहेंगे. संगठन का आरोप है कि प्रशासन ने उनकी रैली को जानबूझकर रोका, जिससे वे नाराज हैं.
घटना के बाद इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, और स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
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किस मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन
बता दें कि मूल निवास 1950 लागू करने, सशक्त भू कानून, गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में यूकेडी कार्यकर्ता परेड ग्राउंड में एकत्र होकर मुख्यमंत्री आवास कूच के लिए निकले थे. यूकेडी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हाथों में झंडा बैनर लिए ढोल दमाऊ की धुन नाचते गाते मुख्यमंत्री आवास कूच के लिए हाथी बड़कला पहुंचे जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. रोके जाने से नाराज ukd के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर धरना दिया. इसे दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई.
यूकेडी का कहना है कि पिछले 24 वर्षों में उत्तराखंड की जनता ने भर भर कर केंद्रीय पार्टियों को वोट दिए, पर कोई भी पार्टी उत्तराखंड के मूल मुद्दों को हल नहीं कर पाई है. जनता आज भी सशक्त भू कानून, मूल निवास और स्थाई राजधानी गैरसैंण के लिए लड़ रही है. उत्तराखंड में मूल निवासी ही धीरे-धीरे अल्पसंख्यक होते जा रहे हैं, उत्तराखंड के लोगों की जमीन सुरक्षित नहीं है, धामी सरकार ucc के माध्यम से उत्तराखंड की सनातन संस्कृति को खत्म करना चाहती है, उत्तराखंड से भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए, पहाड़ओं से पलायन रुकना चाहिए.
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