Uttarakhand News Today: चमोली में हिन्दू और मुसलमानों के बीच बीते दिन हुई मारपीट की घटना के बाद अब माहौस चिंताजनक है. हालात सामान्य नहीं हो पाने से गौचर में मुस्लिम समाज के लोग खौफ में हैं और अपनी दुकान नहीं खोल पा रहे हैं.
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जितेन्द्र पंवार/चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में हिन्दू और मुसलमानों के बीच बीते दिनों हुई मारपीट की घटना के बाद अभी तक हालात सामान्य नहीं हो सके हैं. यहां के गौचर में मुस्लिम समाज के लोग खौफ के कारण दुकान नहीं खोल पा रहे हैं. वहीं कुछ मुस्लिम परिवारों को मकान व दुकान स्वामियों ने जगह खाली करने के लिए भी कह दिया है. इस तरह अब इन परिवारों के आगे मुश्किल पैदा हो गई है.
बाजार में लाखों पैसा उधार
चमोली में वर्षो से रहने वाले मुसलमान इन दिनों खौफ में जीने को मजबूर हैं. बीते दिनों थराली और नंदा नगर में हुई घटना के बाद गौचर में हुई मारपीट की घटना से पूरे तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. गैरसैंण के मायथान में व्यापार संघ और स्थानीय लोगों ने मुस्लिम परिवारों को 31 दिसंबर तक क्षेत्र को खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है. वहीं, गौचर की बात करें तो मुस्लिम परिवार डर की वजह से दुकान नहीं खोल रहा है. वर्षों से यहां रहकर सब्जी का कारोबार करने वाले मोहम्मद जाहिद का तो रो रो कर बुरा हाल है. डर से दुकान नहीं खोल पा रहे हैं. बच्चों की परीक्षा चल रही है और बाजार में लाखों पैसा उधार फंसे हैं.
सरकारों से गुहार
कर्णप्रयाग के अपर बाजार में रहने वाले शौकत हुसैन की पीढ़ियों से कर्णप्रयाग में रहते है लेकिन इन दिनों दो धर्मो के बीच चल रही लड़ाई से वे काफी दुखी और चिंतित हैं. उनका कहना है कि हम हिन्दुओं के साथ मिलकर हर बार त्योहार मनाते आए हैं. वे भी हमारे त्यौहार में बढ़चढ़ हिस्सा लेते हैं पर फिलहाल के हालातों से हम काफी परेशान व चिंतित हैं. सरकारों से गुहार लगाई है हमारी मदद की जाए.
पुलिस चौकी का घेराव
आपको बता दें कि बीते दिन स्कूटी को हटाए जाने को लेकर गौचर में हुई घटना के बाद यहां के स्थानीय लोगों में मुसलमानों के प्रति नफरत बढ़ गई है. हालांकि लोगों ने पुलिस चौकी का घेराव किया और फिर मुसलमानों को यहां से हटा देने तक की मांग उठाई है. जिसके बाद से गौचर और पूरे चमोली जिले से मुसलमानों को यहां से हटाए जाने को लेकर मांग की जा रही है.
31 दिसंबर तक सत्यापन
जनपद में माहौल को तनावपूर्ण देखते हुए पुलिस ने पहरा कड़ा कर रही है. पुलिस ने भी बाहरी राज्यों से आए लोगों का सत्यापन का काम तेजी से शुरू कर चुकी है. दूसरी ओर मायथान के लोगों का कहना है कि उन्होंने किसी भी धर्म विशेष के व्यक्ति को इलाका छोड़ने के लिए नहीं कहा है बल्कि रैली के माध्यम से यह कहा गया था कि बिना सत्यापन के रहने वाले लोग 31 दिसंबर तक सत्यापन करवा दें.
असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा-
वहीं, चमोली के मौजूदा हालात पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक पोस्ट के जरिए कहा है कि "यह वही उत्तराखंड है जहां की सरकार यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) समानता के नाम पर लागू कर रही है. चमोली के मुसलमानों को क्या समानता और सम्मान से जीने का हक़ नहीं है? अरब शेखों से पीएम नरेंद्र मोदी गले मिल सकते हैं तो चमोली के मुसलमानों को भी गले लगा सकते हैं.
असदुद्दीन ओवैसी के एक्स पोस्ट पर एक नजर डालें-
मुसलमानों को भारत में अछूत बना दिया गया है। उत्तराखण्ड के चमोली में 15 मुसलमान परिवारों का सामूहिक बहिष्कार किया जा रहा है। चमोली के व्यापारियों ने धमकी दी है के 31 दिसंबर तक मुसलमानों को चमोली छोड़ देना होगा। अगर मकान मालिक मुसलमानों को घर देंगे तो ₹10,000 का जुर्माना देना…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 20, 2024
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