Uttarakhand UCC Draft: पत्नी भी दे सकेगी तलाक और लिव इन का रहेगा रिकॉर्ड, जानें उत्तराखंड यूसीसी ड्रॉफ्ट में क्या हैं 10 बड़े प्रावधान
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Uttarakhand UCC Draft: पत्नी भी दे सकेगी तलाक और लिव इन का रहेगा रिकॉर्ड, जानें उत्तराखंड यूसीसी ड्रॉफ्ट में क्या हैं 10 बड़े प्रावधान

उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित यूसीसी समिति की प्रमुख रंजना प्रकाश देसाई ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मसौदे के दस्तावेज सौंप दी है. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लंबे समय से हमें इस ड्राफ्ट का इंतजार था. आज हमें ड्राफ्ट मिल गया है.

Uttarakhand UCC Draft

Uttarakhand UCC Draft: उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित यूसीसी समिति की प्रमुख रंजना प्रकाश देसाई ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मसौदे के दस्तावेज सौंप दी है. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लंबे समय से हमें इस ड्राफ्ट का इंतजार था. आज हमें ड्राफ्ट मिल गया है. हमने उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि नई सरकार के गठन के बाद हम समान नागरिक संहिता के लिए कानून बनाएंगे. इस ड्राफ्ट का परीक्षण करने के बाद जो भी जरूरी औपचारिकताएं हैं उसे पूरा करेंगे. इसके बाद ड्राफ्ट को विधानसभा में पेश कर विधेयक लाएंगे. 

साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा की थी कि उत्तराखंड में अगर भाजपा सरकार दोबारा से आती है तो सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून पर फैसला लिया जाएगा. जिसके बाद सरकार बनते ही सबसे पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता को लेकर फैसला लिया गया. 2022 को ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन किया गया. कुल पांच बार ड्राफ्टिंग कमेटी का समय बढ़ाया गया. इसके बाद अब सरकार को ड्राफ्टिंग कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. ड्राफ्टिंग कमेटी ने लगभग 20 महीने के भीतर पूरी रिपोर्ट तैयार की है.

जल्द कानून के रूप में लागू होगा UCC: सीएम धामी
 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट कमेटी द्वारा रिपोर्ट मिलने पर उनका आभार जताया है. साथ ही प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया है कि सरकार जल्द से जल्द एक मजबूत समान नागरिक संहिता कानून लागू करेगी. इस रिपोर्ट को तैयार करने में ढाई लाख लोगों के सुझाव लिए गए हैं. जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई के अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया. कमेटी में जस्टिस प्रमोद कोहली, पूर्व मुख्यसचिव शत्रुघ्न सिंह, समाजसेवी मनु गौर और दून विश्वविद्यालय कुलपति सुलेखा डंगवाल को शामिल किया गया था.

समान नागरिक संहिता तैयार करने के लिए दो लाख लोगों की प्रतिक्रिया और सुझाव लिए गए हैं. ड्राफ्ट में प्रदेश में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने, शादी का रजिस्ट्रेशन ना होने पर सरकारी सुविधाएं न देने, पति-पत्नी दोनों के पास तलाक के सामान अधिकार देने, बहुविवाह पर रोक, लिव इन रिलेशनशिप के पंजीकरण जैसी कई बातों पर लोगों ने अपने सुझाव दिए थे. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ड्राफ्ट तैयार किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, UCC ड्राफ्ट में बहुविवाह से लेकर लिव-इन रिलेशनशिप तक के लिए कानून बनाया गया है. आइये जानते हैं कि ड्राफ्ट में क्या-क्या प्रावधान हो सकते हैं.

UCC ड्राफ्ट में महत्वपूर्ण बातें
1. तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा. 
2. तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा.
3. तलाक के बाद पुनर्विवाह के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होगा.
4. गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा. 
5. संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा.
6. अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा.
7. सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी.
8. लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा. प्रदेश की जनजातियां इस कानून से बाहर होंगी
9. एक पति-पत्नी का नियम सब पर लागू होगा. 
10. बहुविवाह पूरी तरह से खत्म होगा

यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? 
यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ है भारत के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक कानून. समान नागरिक संहिता एक सेक्यूलर यानी पंथनिरपेक्ष कानून होता है, जो सभी धर्मों के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है. आसान शब्दों में कहें तो अलग-अलग धर्मों के लिये अलग-अलग कानून का ना होना ही 'समान नागरिक संहिता' की मूल भावना है. यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के सभी नागरिकों पर लागू होता है, फिर चाहे वो किसी भी धर्म या क्षेत्र से संबंधित हो. देश के संविधान में भी इसका उल्लेख है. संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता का जिक्र किया गया है.

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