VIDEO: रैपिड रेल का पहला लुक जारी, 180KM/Hr की स्पीड, 60​ मिनट में दिल्ली से मेरठ
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VIDEO: रैपिड रेल का पहला लुक जारी, 180KM/Hr की स्पीड, 60​ मिनट में दिल्ली से मेरठ

आरआरटीएस ट्रेन की डिजाइन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से तैयार की गई है. भारत में अपने प्रकार की पहली आधुनिक ट्रेन है. बॉम्बार्डियर कंपनी द्वारा बनाई जा रहीं आरआरटीएस ट्रेनें स्टेनलेस स्टील की होंगी. इनका डिजाइन एयरोडायनामिक होगा. 

दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ट्रेन का फर्स्ट लुक. (PC: Twitter)

नोएडा: दिल्ली-मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है. दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (Delhi-Meerut Regional Transit System) मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शामिल है. केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने शुक्रवार को भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ट्रेन के लुक का अनावरण कर दिया. इस ट्रेन का निर्माण बॉम्बार्डियर कंपनी करेगी. ''दिल्ली मेरठ रैपिड रेल नेटवर्क'' इस प्रोजेक्ट को एशियाई विकास बैंक (ADB) लोन उपलब्ध करा रहा है. दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस की कुल अनुमानित लागत 3.94 अरब डॉलर है.

टेनों का डिजाइन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के मुताबिक
आरआरटीएस ट्रेन की डिजाइन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से तैयार की गई है. भारत में अपने प्रकार की पहली आधुनिक ट्रेन है. बॉम्बार्डियर कंपनी द्वारा बनाई जा रहीं आरआरटीएस ट्रेनें स्टेनलेस स्टील की होंगी. इनका डिजाइन एयरोडायनामिक होगा. हल्का होने के साथ-साथ यह पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी. प्रत्येक कोच में प्रवेश और निकास के लिए ‘प्लग-इन’ प्रकार के छह (दोनों तरफ तीन-तीन) स्वचालित दरवाजे होंगे. सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक ट्रेन में एक बिजनेस क्लास कोच होगा. बिजनेस क्लास कोच में ऐसे चार (दोनों तरफ दो-दो) दरवाजे होंगे. बिजनेस क्लास कोच के अंदर फूड डिस्पेंडिंग मशीनें लगी होंगी.

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दिल्ली के लोटस टेंपल से प्रेरित है आरआरटीएस ट्रेन की डिजाइन
आरआरटीएस ट्रेनों में 2x2 ट्रांसवर्स आरामदायक सीटें, यात्रियों के पैर रखने के लिए पर्याप्त जगह, खड़े होकर यात्रा कर रहे लोगों के आरामदायक सफर के लिए दोनों तरफ की सीटों के बीच में पर्याप्त जगह, सामान रखने का रैक, मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट, वाई-फाई और अन्य यात्री-केंद्रित सुविधाएं भी होंगी. आरआरटीएस ट्रेनों का डिजाइन नई दिल्ली के प्रतिष्ठित लोटस टेम्पल से प्रेरित है. लोटस टेम्पल एक ऊर्जा-कुशल इमारत का प्रतीक है. इस टेंपल का डिजाइन प्रकाश और वायु के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखता है. इसी तरह आरआरटीएस ट्रेनों में भी लाइट और टेम्परेचर कंट्रोल सिस्टम होगा, जो ऊर्जा की कम खपत के साथ ही यात्रियों को आरामदायक अनुभव देंगी.

ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप 2022 तक
बॉम्बार्डियर कंपनी के मुताबिक आरआरटीएस ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप 2022 तक निर्मित हो जाएगा और विस्तृत परीक्षण के बाद सार्वजनिक उपयोग में लाया जाएगा. एनसीआरटीसी (National Capital Region Transport Corporation) रीजनल रेल सेवाओं के संचालन के लिए 6 कोच के 30 ट्रेन सेट्स और मेरठ में स्थानीय परिवहन सेवाओं के लिए 3 कोच के 10 ट्रेन सेट्स खरीदेगा. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के सम्पूर्ण रोलिंग स्टॉक का निर्माण गुजरात में बॉम्बार्डियर के सावली प्लांट में किया जाएगा.

फिलहाल 3 RRTS कॉरिडोर बनना है
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ देश के तीन आरआरटीएस कॉरिडोर में पहला है, जिस पर काम चल रहा है. अन्य दो कॉरिडोर्स हैं दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी और दिल्ली-पानीपत हैं. यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा के समय को 1 घंटे के करीब कर देगा. वर्तमान में सड़क मार्ग से दिल्ली से मेरठ तक का आवागमन समय 3-4 घंटे है. साहिबाबाद से शताब्दी नगर (मेरठ) के बीच लगभग 50 किलोमीटर लंबे खंड पर ट्रैक, स्टेशन, ब्रिज, टनल कंस्ट्रक्शन का काम तेजी के साथ चल रहा है.

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दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर काम जारी
गाजियाबाद, साहिबाबाद, गुलधर और दुहाई आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण जारी है. साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी रूट पर ट्रेनों का परिचालन 2023 से प्रस्तावित है. जबकि पूरे कॉरिडोर को 2025 में जनता के लिए खोलने का लक्ष्य है. दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी. इस रूट का डीपीआर केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है. वहीं दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर की डीपीआर संबंधित राज्य सरकारों के पास पहुंच गया है.

भारत के पहले आरआरटीएस ट्रेन की विशेषताएं

• खड़े यात्रियों के लिए अधिक जगह, सामान रखने का रैक, मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट.
• बैठे यात्रियों के पैर रखने की लिए पर्याप्त जगह (लेग स्पेस) और ट्रेन में वाईफाई की सुविधा.
• यात्री सुविधा को ध्यान मे रखते हुये इन ट्रेनों में 2x2 ट्रांसवर्स बैठने की व्यवस्था होगी.
• डबल ग्लेज्ड, टेम्पर्ड प्रूफ बड़ी शीशे की खिड़कियांं होंगी, जिससे बाहरी दृश्य दिखाई देगा.
• ऑटोमेटिक प्लग-इन डूर्स, सीसीटीवी, फायर एंड स्मोक डिटेक्टर, डूर इंडिकेटर.
• दिव्यांगजनों के अनुकूल: ट्रेन के दरवाजों के पास व्हीलचेयर के लिए जगह.
• प्रत्येक ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा.
• ट्रेन का डिजाइन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के मुताबिक. हर 5-10 किमी पर स्टेशन.
• ट्रेन में पुश बटन भी होगा जो जरूरत होने पर दरवाजों को खोलने के काम आएगा.
• आरआरटीएस ट्रेनें ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन के अंतर्गत संचालित होंगी.

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