जेवर एयरपोर्ट निर्माण कार्य में ठेके दिलाने का फर्जी लेटर आया सामने, यमुना प्राधिकरण ने दर्ज कराई FIR
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जेवर एयरपोर्ट निर्माण कार्य में ठेके दिलाने का फर्जी लेटर आया सामने, यमुना प्राधिकरण ने दर्ज कराई FIR

प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने कहा है कि लोग इस तरह के फर्जी पेपर के झांसे में न आएं. एयरपोर्ट के काम आवंटन में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी.

जेवर एयरपोर्ट निर्माण कार्य में ठेके दिलाने का फर्जी लेटर आया सामने, यमुना प्राधिकरण ने दर्ज कराई FIR

पवन त्रिपाठी/गौतमबुद्ध नगर:  नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के नाम से फर्जी पत्र जारी कर टेंडर देने का एक मामला सामने आया है. इस मामले में यमुना प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी रविंद्र सिंह ने ग्रेटर नोएडा पुलिस को पत्र लिखा है. साथ ही बीटा 2 कोतवाली में मामला दर्ज करवाया गया है.  पत्र में उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

फर्जी पेपर को लेकर लोगों को किया सावधान 
प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने कहा है कि लोग इस तरह के फर्जी पेपर के झांसे में न आएं. एयरपोर्ट के काम आवंटन में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी. प्राधिकरण ने कहा है कि 20 मार्च 2021 को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ी जमीन पर कार्य आवंटन किए जाने से संबंधित एक लेटर संज्ञान में आया है. जबकि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने ऐसा कोई पत्र किसी को नहीं भेजा है. 

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एमपी के अनूपपुर जिले का है पता 
उन्होंने आगे बताया कि एक फर्जी वेलकम लेटर फैलाया जा रहा था. जिसमें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सरकार का जिक्र कर फर्जी ढंग से जमीन से जुड़े कार्यों के लिए 5000 एकड़ में 500 करोड़ रुपए के टेंडर का अप्रूवल दिखाया जा रहा था. कंपनी के कॉलम में किसी का नाम नहीं लिखा था. ऑफिस के पते में अनूपपुर, मध्य प्रदेश दर्ज है.

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एयरपोर्ट के ठेके के लिए झांसे में न आएं
इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यह पूरी तरह फर्जी है. जेवर एयरपोर्ट का क्षेत्रफल 3200 एकड़ है. जबकि इसमें 5000 एकड़ जमीन का जिक्र किया गया है. साथ ही इस तरह का कोई वेलकम लेटर किसी भी कंपनी को जारी नहीं किया गया है. नोएडा एयरपोर्ट को बनाने की जिम्मेदारी ज़्यूरिख़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी और उसकी एसपीवी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की है. उसमें उत्तर प्रदेश सरकार या किसी अन्य प्राधिकरण का कोई रोल नहीं है.

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