पुलिस ने बताया है कि ये आरोपी एक इंजेक्शन को 45 हजार रुपए तक में बेच देते थे. जबकि इसका MRP 3500 रुपये ही है. पुलिस का कहना है कि कालाबाजारी को लेकर पुलिस काफी सतर्क है.
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नोएडा: यूपी के गौतमबुद्ध नगर में बीते शनिवार 7 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो कालाबाजारी के चक्कर में रेमडेसिविर की जगह निमोनिया की दवा बेचते थे. बस इस दवा पर वह रेमडेसिविर का रैपर चिपका देते थे. इस आरोप में सेक्टर 58 थाना पुलिस ने सात आरोपियों को धर दबोचा है और महामारी अधिनियम के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है.
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नकली दवा पर चिपका रहे थे रेमडेसिविर का रैपर
बताया जा रहा है कि पुलिस ने इन आरोपियों के पास में से कोरोना की कई दवाइयां बरामद की हैं. इन सभी आरोपियों का मेडिकल कारोबार ही है. पुलिस ने मीडिया को जानकारी दी है कि ये लोग निमोनिया की दवा की शीशियों पर रेमडेसिविर के रैपर चिपकाकर बेच रहे थे ताकि अपनी जेब भर सकें. इन आरोपियों के नाम मुबीन, सलमान खान, अजरुदीन, अब्दुल रहमान , दीपांशु उर्फ धर्मवीर और बंटी हैं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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पुलिस ने बरामद कीं ये चीजें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस से जानकारी मिली है कि आरोपियों के पास से रेमडेसिवर की 9 शीशियां, एक बिना लेबल की शीशी, रेमडेसिविर के 140 नकली रैपर, एक पैकेट सफेद नशीला पदार्थ और अलग-अलग कंपनियों के इंजेक्शन मिले हैं. इसके अलावा, 2,45,000 कैश, 10 मोबाइल, 2 मोटरसाइकिल, 1 स्कूटी, 1 कंप्यूटर, 1 प्रिंटर और भी कई सामान पुलिस ने बरामद किए हैं.
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45 हजार में बेचते थे दवा, वह भी नकली
पुलिस ने बताया है कि ये आरोपी एक इंजेक्शन को 45 हजार रुपए तक में बेच देते थे. जबकि इसका MRP 3500 रुपये ही है. पुलिस का कहना है कि कालाबाजारी को लेकर पुलिस काफी सतर्क है. ज्यादा मुनाफा कमाने वाले लोग मजबूरी में पड़ें लोगों का फायदा उठाते हैं. सभी आरोपियों पर धोखाधड़ी की धारा 420 के साथ 470 लगाई है. अब इसी के तहत कार्रवाई होगी.
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