Ghaziabad News: पूड़ी सब्जी बेचने वाला लाखों करोड़ों का मालिक निकला, गाजियाबाद में छापा मारने पहुंची टीम की फटी रह गईं आंखें
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2273194

Ghaziabad News: पूड़ी सब्जी बेचने वाला लाखों करोड़ों का मालिक निकला, गाजियाबाद में छापा मारने पहुंची टीम की फटी रह गईं आंखें

खाने-पीने के शौकिन तो सभी को होता है लेकिन जो लोग दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा की तरफ के होते है उन्हें चटैरो की कैटगिरी मे गिना जाता है. कितने लोग होंगे जिन्होंने गाजियाबाद में मालीवाड़ा चौक के प्रसिद्ध सैंय्या जी पूरी वाले के वहां से खाना खाया होगा.

GST Raid in Ghaziabad Saiyaji poori wale

गाजियाबाद: खाने-पीने के शौकीन तो सभी को होता है लेकिन जो लोग दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा की तरफ के होते है उन्हें चटैरो की कैटगिरी मे गिना जाता है. कितने लोग होंगे जिन्होंने गाजियाबाद में मालीवाड़ा चौक के प्रसिद्ध सैंय्या जी पूरी वाले के वहां से खाना खाया होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि जीएसटी की टीम ने उन पर छापा मार दिया है. 

दुकान और घर पर छापा
दरअसल, जीएसटी की टीम करीब एक महीने से एआई टूल्स से इन पर नजर रखे हुए थे. जिसके बाद गुरुवार को एआई की टीम ने दुकान और घर पर छापा मार दिया जिसके बाद राज्यकर विभाग ने वहा से 17.85 लाख रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी.   

कंपाउड स्कीम की जांच
राज्यकर विभाग के दिनेश मिश्रा ने बताया कि कंपाउड स्कीम की जांच के लिए एसओपी जारी किया गया है. करीब एक महीने तक जांच की गई तो पता लगा कि फर्म सैंय्या जी पूरी वाले ने कंपाउड स्कीम में निर्धारित मानकों का उल्लंघन कर रहा है. 

10 घंटे छापेमारी
जीएसटी पोर्टल पर डेटा एनालिसिस करने के बाद विभाग की अनुसंधान शाखा फर्म की रेकी की. जिसके बाद डेटा एनालिसिस में पाई गई कमियों देखते हुए एसआईबी ने फर्म पर छापा मार दिया. यह जांच करीब 10 घंटे तक चली. पूरी कार्रवाई के बाद 17.85 लाख रुपए की चोरी पकड़ी हैं.

फूड ब्लॉगर में लोकप्रिय
गाजियाबाद की पूरी सब्जी की दुकान सोशल मीडिया और फूड ब्लॉगर के बीच काफी लोकप्रिय है. जिसके बाद जीएसटी की रेड के बाद सैंया जी पूरी वाले ने बताया जीएसटी की टीम आज सर्वे के लिए आई थी.

फर्म का रजिस्ट्रेशन
जीएसटी टीम ने ए ए के उपयोग से स्पर्म को चिन्हित किया जिसके बाद भौतिक सत्यापन के लिए जब जीएसटी की टीम यहां पहुंची तो यहां पर फॉर्म का उपयोग खाना बनाकर सर्वे करते समय यानी रेस्टोरेंट के रूप में होते हुए पाया गया. जबकि फर्म का रजिस्ट्रेशन फूड प्रिपरेशन कंपनी के रूप में कराया गया था. दोनों के जीएसटी में अंतर होने के कारण जीएसटी में गड़बड़ी पाई गई. जिसके बाद 17.85 लख रुपए की गड़बड़ी पाए हुए कार्रवाई की जा रही है. 

 

Trending news