शिक्षक फर्जीवाड़ा: विभा सिंह बन शैलजा ने पांच साल तक की सरकारी नौकरी, BSA ने जारी किया नोटिस
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शिक्षक फर्जीवाड़ा: विभा सिंह बन शैलजा ने पांच साल तक की सरकारी नौकरी, BSA ने जारी किया नोटिस

प्रदेश में शिक्षकों का फर्जीवाड़ा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिक्षा विभाग में फर्जी नामों के सहारे नौकरी करना एक फैशन सा बन गया है. गाजीपुर में एक और ऐसा ही मामला सामने आया है.

सांकेतिक तस्वीर.

अनिल कुमार/गाजीपुर: प्रदेश में शिक्षकों का फर्जीवाड़ा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिक्षा विभाग में फर्जी नामों के सहारे नौकरी करना एक फैशन सा बन गया है. गाजीपुर में एक और ऐसा ही मामला सामने आया है. कुछ दिन पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी को जानकारी मिली कि बाराचौर ब्लॉक की एक स्कूल टीचर शैलजा, जो बलिया की रहने वाली है, वह विभा सिंह के नाम से शिक्षा विभाग में नौकरी कर रही थी.

बीएसए ने मामले की जांच कराई तो पता चला कि असली विभा सिंह अकबरपुर गाजीपुर के रहने वाली हैं और अभी वाराणसी में रहती हैं. विभा ने शिक्षक भर्ती में आवेदन किया था लेकिन मेरिट में नहीं आ पाई. इसका लाभ उठाते हुए शैलजा ने विभा सिंह के सभी डॉक्यूमेंट- हाई स्कूल, इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन और टीईटी के सभी शैक्षिक अभिलेखों की फर्जी कॉपी बना ली और खुद फर्जी विभा सिंह बन गई. यही नहीं उसने निवास और जाति प्रमाण पत्र से लेकर आधार कार्ड तक बनवा लिया जिसके दम पर वह 2015 में हुई विज्ञान-गणित शिक्षक भर्ती में चयनित हो गई. 

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बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच करने के बाद पुष्टि होने पर उन्होंने शैलजा को नोटिस जारी कर दिया है और 1 हफ्ते के अंदर कोई जवाब ना मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है. इसके साथ उन्होंने बताया कि और भी दो तीन ऐसे मामले हैं जिसकी जांच चल रही है और कुछ ही दिनों में इसकी रिपोर्ट आ जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

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