आजाद ने दिल्ली में संवाददातओं से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री को इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए मृत बच्चों के परिजनों से माफी मांगनी चाहिए.
Trending Photos
नई दिल्ली/गोरखपुर: कांग्रेस ने गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में 30 शिशुओं की मौत के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार को ‘‘जिम्मेदार’’ ठहराते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के इस्तीफे की शनिवार (12 अगस्त) को मांग की. साथ ही पार्टी ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निलंबित करने और राज्य सरकार द्वारा घटना की जांच के आदेश को एक ‘‘छलावा’’ बताया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार (12 अगस्त) को यहां संवाददातओं से कहा कि इस पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश अथवा विभिन्न पार्टियों के नेताओं वाले किसी संसदीय दल से करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मामले की कैसी जांच करवायी जाएगी, उसके बारे में हम सभी को मालूम है. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निलंबित करने और राज्य सरकार द्वारा घटना की जांच के आदेश को एक ‘‘छलावा ’’ बताया.
आजाद ने उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर, पार्टी सांसद प्रमोद तिवारी, संजय सिंह, पार्टी नेता आरपीएन सिंह आदि के साथ शनिवार (12 अगस्त) दिन में गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज का दौरा किया तथा रोगियों और उनके परिजनों से उनका हाल चाल पूछा. इन नेताओं ने 48 घंटे के अंतराल में तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति कथित रूप से नहीं हो पाने के कारण 30 बच्चों की मौत पर क्षोभ जताया.
UP: Congress delegation at BRD Medical College in #Gorakhpur; what happened was due to lapse on the government's part says Cong's RPN Singh pic.twitter.com/NC3ltaIG31
— ANI UP (@ANINewsUP) August 12, 2017
बाद में पत्रकारों से बातचीत में आजाद ने कहा 'यह दुखद घटना राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से हुई और हम इसके लिये राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव दोनों को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिये. इस घटना में डॉक्टरों का कोई कसूर नहीं है.' उन्होंने इस घटना को बहुत दुखद बताते हुये कहा कि इससे पूरा देश दुखी है. बाद में, आजाद ने दिल्ली में संवाददातओं से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री को इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए मृत बच्चों के परिजनों से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मृतक बच्चों के परिवारों को समुचित आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.
Heart-wrenching incident. Saddened by children's death. This happened due to state govt's carelessness: Ghulam Nabi Azad #Gorakhpur pic.twitter.com/Y0z7iWT2xn
— ANI UP (@ANINewsUP) August 12, 2017
आजाद ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना की क्या जांच करवायेगी जबकि जांच से पहले ही स्वास्थ्य मंत्री ने क्लीन चिट दे दी. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा कि यह क्षेत्र उप्र के मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र है. वहां से वह कई बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं. उन्हें अपने ही क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी नहीं है जबकि क्षेत्र के कुछ हिन्दी अखबारों में पिछले कई दिन से ऑक्सीजन की कमी होने की खबरें आ रही थीं. उन्होंने कहा कि इस बारे में अस्पताल प्रशासन ने राज्य सरकार को काफी पहले ही बता दिया था. किन्तु इस मामले में राज्य सरकार ने घोर लापरवाही बरतते हुए कोई कार्रवाई नहीं की.
Both Health Min&Min of Technical&Medical Education must resign. UP CM can't step back from duty. Must apologize to state: GN Azad #Gorakhpur pic.twitter.com/Eaprou2F8J
— ANI UP (@ANINewsUP) August 12, 2017
आजाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "ये मौत नहीं हत्या है और सरकार को इसके लिए बिना शर्त देश, बच्चों के माता-पिता और जनता से माफी मांगनी चाहिए. प्रदेश के मुख्यमंत्री 48 घंटे पूर्व ही गोरखपुर आए थे और मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था. बच्चों की मौत के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है और इसकी जिम्मेदारी प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेनी होगी." उन्होंने कहा, "सिर्फ मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं चिकित्सकों के ऊपर जिम्मेदारी डालकर सरकार बच नहीं सकती, क्योंकि जितने संसाधन उन्हें दिए जाते हैं उतने में ही उन्हें काम करना पड़ता है. यह बात प्रशासनिक तौर पर भी साबित हो गई है कि गैस एजेंसी का 70 लाख रुपया बकाया था, जिसकी वजह से आक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई."
गोरखपुर हादसा: साक्षी महाराज ने 60 से ज्यादा मासूमों की मौत को बताया 'नरसंहार'
उन्होंने कहा, "सरकार कह रही है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई. मैं कहता हूं कि बच्चों की मौत के पीछे सौ प्रतिशत वजह ऑक्सीजन की कमी रही है, जिसके लिए सरकार और उनके मंत्री जिम्मेदार हैं." कांग्रेस नेता ने कहा, "जब मैं स्वास्थ मंत्री था तो सबसे ज्यादा धन मैंने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को ही दिया है. संप्रग शासनकाल में मैंने खुद न सिर्फ कई बार मेडिकल कॉलेज का दौरा किया, बल्कि कई सौ करोड़ रुपये भी दिए. लेकिन उप्र में गैर कांग्रेसी सरकार होने के कारण केंद्र से जो भी धन दिया गया, उसका सही व समुचित उपयोग नहीं किया गया, जिसके कारण तमाम तरह की बीमारियों से मरने वाले बच्चों एवं मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है."
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में 37 बच्चों की मौत को बताया बेहद दुखद
उन्होंने कहा, "सिर्फ मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं चिकित्सकों के ऊपर जिम्मेदारी डालकर सरकार बच नहीं सकती, क्योंकि जितने संसाधन उन्हें दिए जाते हैं उतने में ही उन्हें काम करना पड़ता है. यह बात प्रशासनिक तौर पर भी साबित हो गई है कि गैस एजेंसी का 70 लाख रुपया बकाया था, जिसकी वजह से आक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई." आजाद ने कहा, "बच्चों की मौत मामले में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की कोई गलती नहीं है. उन्होंने सारी रिपोर्ट आधिकारियों को सौंप दी थी. यह पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता है. सरकार कह रही है कि मामले की जांच होगी. हमें पता है कि मामले की जांच कैसे होती है और यह जिला स्तर की जांच है."
गोरखपुर हादसा: 'बच्चों की मौत के मामले में राजनीति न करे विपक्ष, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा'
इससे पूर्व कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में तरल आक्सीजन गैस की आपूर्ति में कथित कमी के कारण हुई इन मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्ट तौर पर इसके दो आयाम हैं...जिम्मेदार लोगों की आपराधिक भूमिका. इनमें अस्पताल प्रशासन, आक्सीजन आपूर्तिकर्ता और अस्पताल पर निगरानी रखने वाला जिला प्रशासन शामिल हैं. अन्य आयाम है मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी.’’ तिवारी ने कहा, ‘‘जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हत्या के समान आपराधिक भूमिका तय होनी चाहिए....एक नैतिक आयाम है जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके स्वास्थ्य मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए और तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.’’
गोरखपुर हादसा: योगी सरकार पर बरसे अखिलेश, कहा- ऑक्सीजन की कमी से ही हुई बच्चों की मौत
कांग्रेस नेता ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को आड़े हाथ लेते हुए ट्वीट किया, ‘‘उप्र के स्वास्थ्य मंत्री ने लालबहादुर शास्त्री जी के नाम पर केवल वोट मांगे, शास्त्री जी की उच्च नैतिकता वाली राजनीति का अनुसरण नहीं किया....शास्त्री जी ने रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था जबकि सिद्धार्थनाथ सिंह शिशुओं की मौत के बाद भी सत्ता से जुड़े हुए हैं.’’ सिंह पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के पौत्र हैं. स्वास्थ्य मंत्री सिंह ने शुक्रवार (11 अगस्त) को कहा था, ‘‘बच्चों की मौत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार इस बात का पता लगाने के लिए एक समिति गठित करेगी कि क्या कोई चूक हुई थी ? और यदि किसी को दोषी पाया गया तो उसकी जवाबदेही तय की जाएगी.’’