भारत सरकार ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका-सीरम की कोविशील्ड और भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन को देश में इमरजेंसी यूज की अप्रूवल दी. लोगों को उम्मीद बंधी की अब शायद कोरोना काबू में किया जा सकेगा. लेकिन इस बीच कुछ नेताओं ने फिर से नकारात्मकता फैलाना शुरू कर दिया.
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच बीते 1 साल से लगातार नकारात्मक खबरें आ रही थीं. देश के लोग इससे आजिज आ चुके थे. नया साल अपने साथ खुशखबरी लेकर आया और कोरोना वैक्सीन का इंतजार खत्म हुआ. भारत सरकार ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका-सीरम की कोविशील्ड और भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन को देश में इमरजेंसी यूज की अप्रूवल दी. लोगों को उम्मीद बंधी की अब शायद कोरोना काबू में किया जा सकेगा. लेकिन इस बीच कुछ नेताओं ने फिर से नकारात्मकता फैलाना शुरू कर दिया. इसमें कांग्रेस के शशि थरूर, जयराम रमेश, राशिद अल्वी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम प्रमुख हैं.
A decisive turning point to strengthen a spirited fight!
DCGI granting approval to vaccines of @SerumInstIndia and @BharatBiotech accelerates the road to a healthier and COVID-free nation.
Congratulations India.
Congratulations to our hardworking scientists and innovators.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2021
अखिलेश यादव ने तो कोरोना वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन कह दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा की वैक्सीन पर उन्हें भरोसा नहीं है, इसलिए वह इसका डोज नहीं लेंगे. जब उनकी सरकार आएगी तो सबको फ्री में वैक्सीन लगवाएगी. उनकी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा तो अपने नेता से भी एक कदम आगे निकल गए. उन्होंने कह दिया कि मोदी सरकार की कोरोना वैक्सीन से लोगों में नपुंसकता आ सकती है. वहीं, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने अखिलेश यादव की हां में हां मिलाई और कोरोना वैक्सीन पर सवाल खड़े कर दिए. इसी तरह शशि थरूर और जयराम रमेश ने भारत बॉयोटेक-आसीएमआर-एनआईवी द्वारा विकसित स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की प्रमाणिकता पर सवाल खड़े कर दिए.
हमें वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व भाजपा सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, जो कोरोनाकाल में ठप्प-सी पड़ी रही है।
हम भाजपा की राजनीतिक वैक्सीन नहीं लगवाएँगे।
सपा की सरकार वैक्सीन मुफ़्त लगवाएगी। pic.twitter.com/yo328VLXZk
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 2, 2021
शशि थरूर ने ट्वीट में लिखा, '' कोवैक्सीन का फेज 3 ट्रायल अभी नहीं हुआ है. इस वैक्सीन को पहले ही अप्रूवल दे दिया गया है जो खतरनाक साबित हो सकता है. डॉ. हर्षवर्धन को इस पर सफाई पेश करनी चाहिए. इस वैक्सीन को तब तक के लिए अप्रूव नहीं करना चाहिए जब तक पूरे ट्रायल्स नहीं होते. भारत इस दौरान एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन के साथ टीकाकरण शुरू कर सकता है.'' वहीं जयराम रमेश ने ट्वीट में लिखा, ''भारत बॉयोटेक एक फर्स्ट रेट इंटरप्राइज है. लेकिन यह बात कुछ जमती नहीं कि किसी भी वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल के लिए पूरे विश्व में स्वीकार्य जो प्रोटोकॉल्स हैं, कोवैक्सीन के लिए उनमें ढील दी गई. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को इस पर सफाई देनी चाहिए.''
The Covaxin has not yet had Phase 3 trials. Approval was premature and could be dangerous. @drharshvardhan should please clarify. Its use should be avoided till full trials are over. India can start with the AstraZeneca vaccine in the meantime. https://t.co/H7Gis9UTQb
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 3, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शशि थरूर, जयराम रमेश और अखिलेश यादव को टैग करते हुए जवाबी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ''इतने गंभीर मामले का राजनीतिकरण करना किसी के लिए भी बहुत अशोभनीय है. शशि थरूर, जयराम रमेश और अखिलेश यादव कृपया वैज्ञानिक पद्धती और प्रोटोकॉल्स को फॉलो करते हुए कोरोना वैक्सींस के अप्रूवल को इस तरीके से बदनाम करने की कोशिश न करें. जागिए और महसूस कीजिए कि ऐसा करके आप लोग खुद की विश्सनीयता पर सवाल खड़े कर रहे हैं.'' आपको बता दें कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश के बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इमरजेंसी यूज की अप्रूवल दी है.
Disgraceful for anyone to politicise such a critical issue.
Sh @ShashiTharoor, Sh @yadavakhilesh & Sh @Jairam_Ramesh don't try to discredit well laid out science-backed protocols followed for approving #COVID19vaccines
Wake up & realise you are only discrediting yourselves !
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 3, 2021
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