बिकरू कांड: विकास दुबे का एक और साथी गिरफ्तार, बताया विकास की पिस्टल से की थी पुलिस पर फायरिंग
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बिकरू कांड: विकास दुबे का एक और साथी गिरफ्तार, बताया विकास की पिस्टल से की थी पुलिस पर फायरिंग

कानपुर ग्रामीण एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने राजेंद्र मिश्रा की गिरफ्तारी की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि पूछताछ में रंजीत ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. उसने विकास दुबे की पिस्टल से पुलिस जवानों पर फायरिंग की थी.

बिकरू कांड में शामिल विकास दुबे का साथी राजेंद्र मिश्रा (L), कानपुर ग्रामीण एसपी बीके श्रीवास्तव (R).

कानपुर: बिकरू कांड में गैंगस्टर विकास दुबे के साथ शामिल उसके एक और साथी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस एनकाउंटर में मारे गए प्रभात के साथ 2 जुलाई की रात पुलिसकर्मियों पर गोली चला रहे उसके पिता राजेन्द्र मिश्रा को चौबेपुर पुलिस ने शिवराजपुर रोड से गिरफ्तार किया. राजेंद्र के सिर पुलिस ने 50,000 रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. वह सरेंडर करने की फिराक में था. इसी सिलसिले में वह अपने वकील से मिलने आया था, तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया.

पुलिस ने राजेंद्र पर रखा था 50,000 का इनाम
कानपुर ग्रामीण एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने राजेंद्र मिश्रा की गिरफ्तारी की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि पूछताछ में रंजीत ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. उसका कहना है कि घटना के वक्त वह शिवम, प्रभात और अन्य लोगों के साथ अपने घर की छत पर मौजूद था. उसने घटना वाली रात विकास दुबे द्वारा दी गई पिस्टल से पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की थी. राजेंद्र के मुताबिक वारदात के बाद विकास दुबे ने पिस्टल उससे वापस ले ली थी.

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एनकाउंटर में मारे गए प्रभात का पिता है राजेंद्र
राजेंद्र मिश्रा ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि घटना वाली रात विकास दुबे ने ही रास्ते पर जेसीबी लगवाई थी. साथ ही कुछ बदमाशों को बाहर से भी बुलवाया था. राजेन्द्र ने बिकरू शूटआउट में शामिल कई अन्य आरोपियों के बारे में भी पुलिस के सामने खुलासा किया. उसके मुताबिक आस-पास के इलाके में विकास दुबे की मर्जी से ही सब कुछ होता था. राजेंद्र ने पुलिस से कहा कि उसके बेटे प्रभात को विकास ने बरगला कर अपने साथ रखा था. एसपी ग्रामीण बीके श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में वांछित चल रहे अन्य अपराधियों को भी जल्द गिरफ्तारी कर लिया जाएगा.

2 जुलाई की रात बिकरू गांव में क्या हुआ था?
आपको बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. पुलिस वालों पर यह फायरिंग गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने की थी. इस घटना में तत्कालीन बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि 6 अन्य चोटिल हो गए थे. घटना के बाद विकास दुबे एक हफ्ते तक फरार रहा. उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. वहां से वापस कानपुर लाए जाने के दौरान रास्ते में विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. गैंगस्टर इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से ढेर हो गया था.

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