पुलिस के लिए यह जांच का विषय बन गया है कि जिसे अहमद हसन का शव समझकर उन्होंने दफना दिया था, वह शख्स कौन था? किन परिस्थितियों में उसकी मौत हुई थी?
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कानपुर: कानपुर के कर्नलगंज में 5 अगस्त को मिले शव की शिनाख्त में पुलिस और परिजन दोनों धोखा खा गए. जिसे दफनाने का दावा किया गया था, वह शुक्रवार देर रात घर लौट आया. जब परिजनों ने उसे देखा तो उनके होश उड़ गए. पुलिस अब शख्स से उसके लापता होने के बारे में पूछताछ कर रही है. मूल रूप से चमनगंज निवासी अहमद हसन, चकेरी स्थित अपने दूसरे मकान में पत्नी नगमा और दो बच्चे के साथ रहते हैं. वह एसी रिपेयरिंग का काम करते हैं. अहमद हसन 2 अगस्त को घर से झगड़ कर निकले थे.
परिजनों ने चकेरी थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. बीते 5 अगस्त को यतीमखाना के पास एक लावारिस लाश मिली. पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए अहमद हसन के परिजनों को बुलाया. उन्होंने अहमद हसन के रूप में शव की शिनाख्त की. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना दिया. शुक्रवार रात अहमद हसन जब घर पहुंचेे तो परिजन उन्हें देखकर दंग रह गए. परिजनों ने जब पूरी बात उन्हें बताई तो वह चकेरी थाने पहुंचे और पुलिस को अपने जिंदा होने की जानकारी दी.
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अब पुलिस के लिए यह जांच का विषय बन गया है कि जिसे अहमद हसन का शव समझकर उन्होंने दफना दिया था, वह शख्स कौन था? किन परिस्थितियों में उसकी मौत हुई थी? कानपुर के एसएसपी प्रीतिंदर सिंह का इस कहना है कि इस केस की गहनता से जांच की जा रही है. सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मजिस्ट्रेट की देख रेख में शव को कब्र से बाहर निकाल कर उसका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा.
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