आपदा के साये में केदारनाथ यात्रा, दर्शन को नहीं जा रहे श्रद्धालु, एडवांस बुकिंग कैंसल होने से होटल कारोबारी परेशान
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आपदा के साये में केदारनाथ यात्रा, दर्शन को नहीं जा रहे श्रद्धालु, एडवांस बुकिंग कैंसल होने से होटल कारोबारी परेशान

Kedarnath dham hotels: उत्तराखंड में आई आपदा के चलते केदारनाथ यात्रा की गतिविधि बहुत कम हो गई है. सालों के बाद सितंबर के पहले सप्ताह से यात्रा का दूसरा चरण शुरू होता है और तीर्थयात्रियों की संख्या भी बढ़ने लगती है. 

kedarnath hotels

Kedarnath Yatra 2024: उत्तराखंड में आई आपदा के चलते केदारनाथ यात्रा की गतिविधि बहुत कम हो गई है. सालों के बाद सितंबर के पहले सप्ताह से यात्रा का दूसरा चरण शुरू होता है और तीर्थयात्रियों की संख्या भी बढ़ने लगती है. लेकिन बीती 31 जुलाई की आपदा में पैदल मार्ग में हुई भारी क्षति के बाद होटलों की अग्रिम बुकिंग निरस्त हो रही है, इससे तीर्थयात्रियों की संख्या प्रभावित हो सकती है.

होटलों की बुकिंग हुई कैंसिल
अभी तक सितंबर की पखवाड़े की 90% बुकिंग कैंसिल हो चुकी है. हालांकि, सरकार पैदल मार्ग को जल्द से जल्द सही करने की बात कह रही है. ताकि घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी और यात्रियों के लिए भी ये रास्ता आसान बनाया जा सके. आपदा के 25 दिनों में, हेली सेवा के माध्यम से केवल 3,830 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे हैं. इनमें पैदल जाने वालों की संख्या सौ भी नहीं है, यानी अभी पैदल यात्रा लगभग बंद है. होटलों के अग्रिम बुकिंग भी कैंसिल हो रहे हैं क्योंकि रास्ता खतरनाक है और व्यवसायी भी अपना बोरिया-बिस्तर समेटकर वापस चले गए हैं.

सड़के होंगी 2 मीटर चौड़ी 
केदारनाथ होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने बताया कि सितंबर पहले पखवाड़े की बुकिंग कैंसिल हो व्यवसायियों को परेशानी हो रही है. हालांकि उनका माना है कि एक बार पैदल मार्ग फिर से दुरुस्त हो जाए तो तीर्थ यात्रियों की आवाजाही बढ़ेगी. पैदल मार्ग को पूर्ववत करने के लिए प्रशासन ने भी पूरी कोशिश की है. 300 से ज्यादा कर्मचारी सड़कों का पुनर्निर्माण कर रहे हैं. क्षतिग्रस्त स्थानों पर पुश्ते लगाकर सड़क को चौड़ा किया जा रहा है. फिलहाल, इन जगहों पर सड़क दो मीटर चौड़ी कर दी गई है.

गुप्तकाशी में लगभग 425 होटल है
गुप्तकाशी से गौरीकुंड तक केदारघाटी में लगभग 425 होटल और लाज हैं. इनमें एक बार में 10 हजार लोग ठहर सकते हैं. बताया गया कि 15 सितंबर तक होटल-लाज लगभग भरे हुए थे, लेकिन 31 जुलाई की आपदा के बाद 90 प्रतिशत पर्यटक अपनी बुकिंगों को निरस्त कर चुके हैं. 

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