बड़ी कंपनियों को टक्कर दे रही हैं इस गांव की महिलाएं, चूल्हा-चौका के साथ जगमगा रही हैं रोशनी
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand491433

बड़ी कंपनियों को टक्कर दे रही हैं इस गांव की महिलाएं, चूल्हा-चौका के साथ जगमगा रही हैं रोशनी

कोटाबाग में करीब 9 महिलाओं को एक स्वयं सहायता समूह है, जो पिछले 2 सालों से एलईडी बल्ब, बिजली की माला, झूमर बनाने का काम कर रही हैं.

 स्वयं सहायता समूह की मदद से ये काम महिलाएं कर रही हैं.

हल्द्वानी, (विनोद कांडपाल): आजकल देश मे इलेक्ट्रॉनिक बाजार में मशहूर मल्टी नेशनल कंपनियों के बीच बड़ी प्रतिस्पर्धा है. लेकिन अब आपको जानकर हैरानी होगी कि नैनीताल जिले के ग्रामीण इलाके कोटबाग की कुछ घरेलू महिलाओं ने अपने हौंसलों के दम पर इन कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं, उत्तराखण्ड में स्वयं सहायता समूहों को मार्केटिंग के स्तर पर थोड़ा सरकार का साथ मिल जाए, तो ये महिलाएं अंधरे को रोशनी में तब्दील कर सकती हैं. 

fallback

बबीता और चरणप्रीत कौर उस स्वयं सहायता समूह का हिस्सा है, जो अपने दम पर कई जगह रोशनी बांट रही हैं, कोटाबाग में करीब 9 महिलाओं को एक स्वयं सहायता समूह है, जो पिछले 2 सालों से एलईडी बल्ब, बिजली की माला, झूमर बनाने का काम कर रही हैं.

fallback

जहां एक तरफ देश मे मल्टीनेशनल कम्पनियां महंगे दामों पर एलईडी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम बेच रही हैं, तो दूसरी तरफ चीन के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों ने भारतीय उत्पादों को पीछे छोड़ दिया है. ऐसे में ये महिलाएं अपने दम पर एलईडी बल्ब समेत अन्य आइटम खुद असेम्बल कर रही हैं, जिनकी सप्लाई रामनगर, हल्द्वानी, काशीपुर के अलावा दिल्ली एनसीआर तक है. 

fallback

जिस कंपनी ने 2 साल पहले इन महिलाओं को एलईडी बल्ब के साथ अन्य आइटम बनाने की ट्रेनिंग दी. वहीं कंपनी नोएडा से कोटाबाग महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को रॉ मैटेरियल यानी कच्चा माल उपलब्ध कराती है, जिसके बाद महिलाएं खुद इनको असेम्बल करने में जुट जाती हैं. ये महिलाएं सस्ते दाम पर एलईडी बल्ब, बिजली की झालर औऱ झूमर तैयार कर रही हैं, जिसकी चमक इन महिलाओं के चेहरे पर देखी जा सकती है.

fallback

जिन महिलाओं के हाथ कभी चूल्हे चौके से खेती तक ही सीमित रहते थे, वो आज दूसरों को रोशनी देने का काम भी कर रहे हैं. महिलाओं को आशा है कि सरकार मार्केट के स्तर पर इन लोगों के लिए कुछ बेहतर पहल करें, ताकि ये महिलाएं भी बड़ी-बड़ी कंपनियों को मात दे सके. 

Trending news