चुनाव में पहली बार यूपी के नेता की जमानत हुई थी जब्त, 70 साल पुराना है ये दिलचस्प चुनावी किस्सा
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चुनाव में पहली बार यूपी के नेता की जमानत हुई थी जब्त, 70 साल पुराना है ये दिलचस्प चुनावी किस्सा

Lok Sabha Elections 2024 GK Quiz: लोकसभा चुनाव का शोरगुल शुरू हो गया है. इस चुनावी माहौल में कई बार आपने सुना होगा कि ये नेता चुनाव नहीं जीत पाएगा और उसकी जमानत जब्त हो जाएगी. क्या आप जानते हैं कि जमानत जब्त होना क्या है... 

Lok Sabha Elections 2024 GK Quiz

Lok Sabha Elections 2024 GK Quiz: लोकसभा की चुनावी तारीखों का ऐलान बस होने ही वाला है. देश में इस साल 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने हैं.  कई धुरंधर अपनी किस्‍मत आजमाने चुनावी मैदान में उतरेंगे. जीतने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां अपने तैयारी में लगी हैं. कौन विजेता बनेगा या किसकी जमानत जब्‍त हो जाएगी इसका फैसला चुनाव परिणाम आने पर हो जाएगा. यहां पढ़ें कि जमानत कब जब्त होती है.

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यूपी से जुड़ी है कहानी
आप ये जानकर हैरान होंगे की यूपी से ही जमानत जब्त होने का सिलसिला शुरू हुआ था. पहली बार वर्ष 1952 में आजमगढ़ की सगड़ी पूर्वी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बलदेव खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी शंभू नारायण ने चुनाव लड़ा था. इस सीट पर कुल 83,438 वोट पंजीकृत थे, जिनमें से 32,378 लोगों ने वोट डाले, चुनाव में कांग्रेस के बलदेव को शंभूनारायण पर जीत मिली, लेकिन जीतने के बाद भी उनकी जमानत जब्त हो गई थी क्योंकि उन्हें कुल वोटों का 1/6 फीसद वोट भी नहीं मिल पाया था. मतलब बलदेव जीते फिर भी जमानत जब्त करवा बैठे थे.

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क्या होती है जमानत राशि?

जमानत वो राशि है जो चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी द्वारा चुनाव आयोग को जमा कराई जाती है. गर किसी को तय वोट नहीं मिलते हैं तो इस राशि को जब्त कर लिया जाता है. हालांकि ये राशि अलग-अलग चुनाव में अलग-अलग होती है. वोटों की तय की गई संख्या में अलग-अलग चुनाव के हिसाब से ही होती है. 

क्यों होती है जमानत ज़ब्त?
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 34(1)(ए) के अनुसार, लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को एक निश्चित धनराशि जमा करानी होती है, जिसे जमानत राशि कहा जाता है. संसदीय या विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को चुनाव आयोग के पास एक निश्चित सुरक्षा राशि जमा करनी पड़ती है.  संसदीय चुनाव के लिए यह राशि 25 हजार और विधानसभा के लिए 10 हजार रुपये है. जो चुनाव आयोग में पहले ही जमा कराई जाती है. अगर प्रत्याशी कुल वोटों का नियम के मुताबिक अगर प्रत्याशी को कुल वोटों का छठा हिस्सा भी नहीं मिलता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है. जिस उम्मीदवार को इतने वोट मिल जाते हैं तो उसकी जमानत राशि लौटा दी जाती है.

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