कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव में मुकाबला और रोचक हो गया है. यहां बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ खड़े लोकदल उम्मीदवार ने रालोद ज्वाइन कर ली है.
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नई दिल्ली: कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव में मुकाबला और रोचक हो गया है. यहां बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ खड़े लोकदल उम्मीदवार ने रालोद ज्वाइन कर ली है. रालोद ने तब्बसुम हसन को उतारा है जबकि बीजेपी ने मृगांका सिंह को टिकट दिया है. इस बीच लोकदल प्रत्याशी और तबस्सुम के देवर कंवर हसन ने पार्टी बदलकर अपनी दावेदारी खुद खत्म कर ली है. यूपी रालोद प्रमुख मसूद अहमद ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कंवर हसन अब हमारे साथ हैं और उन्होंने जयंत चौधरी की मौजूदगी में रालोद का दामन थामा है. उन्होंने दावा किया कि कैराना सीट पर चुनाव तब्बसुम हसन ही जीतेंगी. अब उपुचनाव में किसी भी प्रकार का मुकाबला नहीं रह गया है.
तबस्सुम को सपा-बसपा का समर्थन
तबस्सुम हसन को सपा और बसपा का समर्थन हासिल है. उनके पास 5 लाख मुसलमान और 2 लाख दलितों का समर्थन है. बीजेपी प्रत्याशी मृगांका गुर्जर समुदाय से आती हैं. शाक्य, प्रजापति आदि अति पिछड़ी जातियां बीजेपी के साथ पुरजोर तरीके से खड़ी हैं. उधर लोकदल प्रमुख सुनील सिंह ने कंवर हसन के पार्टी छोड़ने पर आरोप लगाया कि हमने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है. हालांकि रालोद नेताओं का कहना है कि कंवर हसन के साथ आने से अब मुस्लिम वोटों के बंटने की आशंका खत्म हो गई है. उनके मुताबिक बीजेपी के खिलाफ अब विपक्ष एकजुट हो रहा है और यह जल्दी कोई स्वरूप लेगा.
हुकुम सिंह की मौत से खाली हुई कैराना सीट
हुकुम सिंह कैराना से बीजेपी सांसद थे. उनकी मौत के बाद यह सीट खाली हो गई है. यहां 28 मई को चुनाव होना है. इस संसदीय सीट में पांच विधानसभा सीट-शामली, थानाभवन, कैराना, गंगोह और नाकुर (सहारनपुर जिले) सीट आती हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में हुकुम सिंह को पांच लाख से अधिक वोट मिले थे जबकि सपा के नाहिद हसन को तीन लाख से अधिक वोट मिले थे.