इस बार दिवाली पर लाएं ऐसे दीप जो इस्तेमाल के बाद पौधों में हो जाएंगे तब्दील
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इस बार दिवाली पर लाएं ऐसे दीप जो इस्तेमाल के बाद पौधों में हो जाएंगे तब्दील

इन दीपों में तुलसी और गिलोय के बीज भी डाले गए हैं. इस्तेमाल के बाद ये दीप अगर मिट्टी में दबा दिए जाएं तो तुलसी और गिलोय के गुणकारी पौधे पनप जाएंगे. 

लखनऊ के कान्हा उपवन में बन रहे इको फ्रेंडली दीप.

लखनऊ: इस बार की दिवाली लखनऊ वासियों के लिए खास होने वाली है. खास उन दीपों की वजह से, जो न केवल इको फ्रेंडली हैं बल्कि उन्हें गाय के गोबर से तैयार किया जा रहा है. नगर निगम के कान्हा उपवन में एक लाख दीप बनाए जा रहे हैं. इन दीपों से गोमती नदी के झूलेलाल घाट को रौशन किया जाएगा. बीते दिनों गौ सेवा आयोग और नगर निगम की बैठक में गोबर के दीप बनाने का निर्णय लिया गया था.

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इको फ्रेंडली हैं दीप
गाय का गोबर हिन्दू धर्म मे वैसे भी पवित्र माना जाता है. हर धार्मिक पूजा पाठ में इसका इस्तेमाल किया जाता है. नगर निगम के कान्हा उपवन में इस समय करीब दस हजार गाय हैं. इन गायों को उनके मालिकों ने तब खुला छोड़ दिया जब गाय दूध देने लायक नहीं रहीं. लेकिन अब इन गायों का गोबर काम आ रहा है. इससे ऐसे दीप बनाए जा रहे हैं जो पूरी तरह इको फ्रेंडली हैं.

तुलसी व गिलोय के बीज
इन दीपों में तुलसी और गिलोय के बीज भी डाले गए हैं. इस्तेमाल के बाद ये दीप अगर मिट्टी में दबा दिए जाएं तो तुलसी और गिलोय के गुणकारी पौधे पनप जाएंगे. निगम इन दीपो को दिवाली के मौके पर बाजार में बेचने की तैयारी भी कर रहा है. कान्हा उपवन के प्रबंधक जयेंद्र त्रिवेदी बताते हैं कि इन दीपों की अभी से डिमांड आने लगी है.

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महिलाओं को मिला रोजगार
कान्हा उपवन में तैयार हो रहे इन दीपों की खास बात यह है कि ये गिरने पर टूटते भी नही हैं. इन दीपों के जरिये महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. स्वयं सहायता समूह की 15 महिलाएं यहां रोज काम करती हैं और दिवाली के बाद भी ये अपना काम करती रहेंगी. दीप बनाने वाली महिलाएं हर दिन इस काम के जरिये 300 से लेकर 500 रुपये तक कमा लेती हैं.

लक्ष्मी-गणेश की भी बनेगी मूर्ति
दीपों के साथ ही कान्हा उपवन में दिवाली पर गाय के गोबर से गणेश-लक्ष्मी की मूर्ती बनाए जाने की तैयारी की जा रही है. सांचा आते ही मूर्तियां आकार लेने लगेंगी. नगरायुक्त अजय द्विवेदी ने कहा एक साकार उद्देश्य के साथ दीप बनाने का कार्य शुरू किया गया है. जिस तरह से लोग इन दीपों को लेकर रुचि दिखा रहे हैं इस कार्य को और व्यापक रूप देना होगा.

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